जिले के सरकारी विद्यालयों में डेवलप नहीं हो रहे किचेन गार्डेन, कैसे बढ़ेगी बच्चों की पोषण शक्ति…
एमडीएम की तैयारी के क्रम में स्कूलों में पोषण वाटिका में तैयार हरी साग सब्जी, पपीता, केला, सहजन समेत अन्य मौसमी सब्जियों को थालियों में परोसने की है योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत पोषण वाटिका को डेवलप करने का है प्लान
रांची : जिले के 2128 सरकारी विद्यालयों में कस्तूरबा विद्यालय की तर्ज पर किचेन गार्डेन को डेवलप करने की योजना वर्ष 2019 में बनाई गई थी। जिसके तहत सभी स्कूलों की खाली जगह में विभिन्न प्रकार की सब्जियों के पौधे लगाकर साग सब्जी उगाने का निर्देश दिया गया था ताकि बच्चों को परिसर में उगाई जाने वाली सब्जियां एमडीएम में नसीब हो सके। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत पोषण वाटिका को सरकारी स्कूलों में डेवलप करने का निर्देश तो दिया गया लेकिन अब तक इसे पूरी तरह से मूर्तरूप नहीं दिया जा सका है। अधिकांश विद्यालयों में जगह तो चिन्हित किए गए हैं लेकिन जिस तरह इसे डेवलप किया जाना चाहिए वह अब तक नहीं हो पाया है। ऐसे में यह योजना न तो धरातल पर उतरती दिख रही है और न ही इसे समग्र रूप से विकसित ही किया जा रहा है। बता दें कि विद्यालयों में एमडीएम की तैयारी के क्रम में स्कूलों में पोषण वाटिका में उगाई गई हरी साग सब्जी, पपीता, केला, सहजन समेत अन्य मौसमी सब्जियों को थाली में परोसने की योजना है ताकि बच्चों की पोषण शक्ति को बढ़ाया जा सके। गत वर्ष जिला पोषण समिति द्वारा पहले चरण के लिए 297 विद्यालयों को इस योजना के तहत चिन्हित किया गया था। योजना के लिए प्रति स्कूल पांच पांच हजार रूपये खर्च किए जाने की भी बात कही गई है। योजना को मूर्तरूप देने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण पदाधिकारी, कृषि विभाग व बागवानी विभाग के पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी व समग्र शिक्षा अभियान के सहायक अभियंता से भी सलाह मांगी गई थी।
केस 1 : बालकृष्ण प्लस 2 हाइस्कूल में किचेन सह हर्बल गार्डेन को डेवलप किया जा रहा है। संसाधनों के अभाव के बाद भी स्कूल प्रबंधन द्वारा इस दिशा में कदम उठाया गया है। बताया गया कि जल्द ही इसे पूरी तरह से डेवलप कर लिया जाएगा। ताकि विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके।
केस 2 : शहर के बीचोंबीच स्थित जिला स्कूल का भी यही हाल है। यहां भी सिर्फ कहने को किचेन गार्डेन डेवलप किया गया है। इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। एमडीएम में भी यहां उगाई जाने वाली सब्जियों को इस्तेमाल में नहीं लाया जा सका है। पर्याप्त जमीन उपलब्ध होने के बाद भी किचेन गार्डेन को डेवलप नहीं किया जा सका है।
केस 3 : राजकीयकृत मध्य विद्यालय बूटी में आनन फानन के सहारे ही किचेन गार्डेन को डेवलप किया जा रहा है। यहां जिस जगह पर किचेन गार्डेन को डेवलप किया जाना है वहां बिजली का खंभा है, जिससे हरवक्त हादसे की आशंका बनी रहती है। प्रभारी प्राचार्या ने बताया कि सब्जियों के बीज मंगाए गए हैं जल्द ही साफ सफाई कराए जाने के बाद किचेन गार्डेन को डेवलप किया जाएगा।
केस 4 : बालिका प्लस 2 हाइस्कूल में डेवलप किया गया किचेन गार्डेन धीरे धीरे विकसित हो रहा है। यहां कई सब्जियों को उगाए जाने की योजना तैयार की गई है। यहां किचेन गार्डेन के लिए सभी संसाधनों को जुटाया गया है। बेहतर पटवन के लिए पाइप कनेक्शन भी दिया गया है। जल्द ही यहां की छात्राओं को किचेन गार्डेन का लाभ मिलेगा।
क्या है किचेन गार्डेन का उद्देश्य :
– किचेन गार्डेन में हरी साग सब्जी के साथ साथ पपीता, केला, सहजन, सीपेज, कटहल, भिंडी, मीठी लौकी, लौकी, फ्रेंच बींस, टमाटर, धनिया, मेथी, पालक, गाजर, चुकंदर, बैंगन आदि सब्जियां और फल उगाए जाने की योजना है
– किचेन गार्डेन में उगाई गई साग सब्जियों को एमडीएम योजना के तहत थालियों में परोसा जाएगा
– प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत स्कूलों में पोषण वाटिका को किया जाएगा डेवलप।