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किशनगंज : किशोरों के लिए कारगर है युवा क्लीनिक

किशोर-किशोरी युवा क्लिनिक के व्यवस्था का लाभ बिना किसी झिझक के उठाना चाहिए : सिविल सर्जन

किशनगंज, 06 फरवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, किशोरावस्था कई मायने में उम्र का संवेदनशील पड़ाव माना जाता है। इस अवस्था है,‌ जिसमें कई तरह के शरीरिक बदलाव भी आते हैं। साथ ही कुछ दिक्कतें भी आती हैं। उन दिक्कतों को किशोर-किशोरी नजरअंदाज कर देते हैं। कुछ समस्याओं को संकोचवश किसी से साझा भी नहीं करते। किशोरावस्था को युवावस्था की दहलीज मानी जाती है। इस दौरान किशोरों के शारीरिक और मानसिक बदलाव पर सही जानकारी बेहद जरूरी होती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य की देखभाल और मानसिक मजबूती के लिए जिले के सदर अस्पताल समेत सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य विभाग ने युवा क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। मंगलवार को किशनगंज ग्रामीण के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित युवा क्लिनिक में 10 युवको को परामर्श डा. आशिया नूरी के द्वारा दिया गया है। सिविल सर्जन डा. मंजर आलम ने बताया की आवश्यक रूप किशोर-किशोरी युवा क्लिनिक के व्यवस्था का लाभ बिना किसी झिझक के उठाना चाहिए। सोमवार से शनिवार तक इसका संचालन किया जा रहा है। इसका मकसद सही जानकारी सही समय पर किशोरों को पहुंचाना और उन्हे भटकने से बचाना है। इसके साथ अगर किसी भी तरह की समस्या है तो समय रहते उसका पता लगाना और उसका उपचार करना है। सभी स्वास्थ्य केंद्र में युवा क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है। सदर अस्पताल में ओपीडी के साथ ही क्लिनिक में किशोरों को देखा जाता है। उन्हे सलाह दी जाती है। उनकी काउंसेलिंग भी की जाती है। विभाग मरीज की पहचान और केंद्र तक पहुंचाने के लिए पीर एडूकेटर को तैयार किया गया है। जिले भर में विभिन्न पीएचसी स्तर पर फिल्ड का भ्रमण करते हैं। इसके साथ ही अब स्कूल और कॉलेज में किशोरों की पहचान किया जाना है। किशोरों की पहचान कर उन्हें क्लिनिक भेजा जाता है। उन्होंने बताया की इसके लिए सभी प्रभारी चिकित्सक को निर्देश दिया गया है। स्कूल और कॉलेज में भी मेडिकल टीम जाकर किशोरों को सलाह और चेकअप करेगी और उन्हे जागरुक करेगी। पोषण और एनीमिया बचाव अभियान को इसके साथ जोड़ा गया है। 10 से 19 वर्ष के किशोरों तक पहुंच कर उन्हे एनीमिया से बचाव के लिए दवा का वितरण भी किया जाता है।जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेन्द्र कुमार ने बताया की राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत युवा क्लिनिक में प्रजनन, पोषण, एनीमिया, महावारी, यौन जनित रोग, मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी दी जाती है। उपचार और सलाह के साथ दवा भी दी जाती है। साथ ही गैर संचारी रोगों के बारे में जानकारी दी जाती है। समुचित रेफरल सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। स्कूल और कॉलेज में ऐसे किशोरों की पहचान होगी और उन्हे क्लिनिक भेजा जाएगा। सदर अस्पताल के अलावा अन्य पीएचसी में अभी भी क्लिनिक का संचालन तो हो रहा है लेकिन इसका लाभ किशोर नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे किशोरों को भेजने के लिए पीर एडूकेटर की मदद ली जा रही है। जिला स्वास्थ्य समिति इसके लिए स्कूल और कॉलेज में जागरुकता अभियान भी चलाने का फैसला किया है। केंद्र में इसमें एक महिला चिकित्सक, एक पुरूष चिकित्सक के अलावा एक जीएनएम और एक पुरूष स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहते हैं। इसको सोमवार से शनिवार तक संचालित किया जा रहा है।

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