किशनगंज : गर्भावस्था में महिलाओं को डायबिटीज का शिकार होना बच्चे के लिए नुकसानदायक।

अनियमित खानपान और जीवन शैली न में हुए बदलावों के कारण मधुमेह से ग्रसित हो रहे हैं लोग।
- शरीर का वजन, हाई ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना डायबिटीज का मुख्य कारण।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, मधुमेह यानि डायबिटीज ऐसी बीमारी है, जो आजकल उम्र देखकर नहीं आती। यह बीमारी अक्सर दबे पांव आती है। इसे साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है। मधुमेह शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को खोखला करना शुरू कर देती है। पीड़ित व्यक्ति को जब तक इसका ज्ञान होता तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। मरीज के लिए लापरवाही कई बार जानलेवा बन जाती है। इस बीमारी को नियमित जीवन शैली व शारीरिक श्रम से नियंत्रित किया जा सकता है। खासकर इस बीमारी से ग्रसित रोगियों को अपने खानपान व आहार व्यवहार में समन्वय स्थापित करने की जरूरत है। इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। लचर दिनचर्या, व्यायाम करने में आलस, मानसिक तनाव एवं अनियंत्रित खानपान, डायबिटीज से ग्रसित होने की प्रमुख वजह मानी जाती है। यदि लोग डायबिटीज के प्रभावों से बचना चाहते हैं, तो जरूरी है कि वो नियमित रूप से मधुमेह की जांच कराते रहें। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की डायबिटीज मेटाबोलिक बीमारियों का समूह है। जिसमें खून में ब्लड शुगर या ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करती हैं। डायबिटीज में मरीज को बार-बार प्यास लगना, भूख ज्यादा महसूस होना और बार-बार पेशाब लगने की शिकायत होती है। डायबिटीज तीन प्रकार के होते है। टाइप 1. डायबिटीज, टाइप 2. डायबिटीज और गैस्टेशनल डायबिटीज। गैस्टेशनल डायबिटीज सामान्यतः गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होती है। डायबिटीज होने के बहुत से कारण होते हैं। उनमें सबसे बड़ा कारण है शरीर का वजन अधिक होना। कई बार हाई ब्लड-प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी डायबिटीज का कारण होता है। गर्भावस्था में महिलाओं को डायबिटीज का शिकार होना बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके अलावा उम्र अधिक होना, फैमिली हिस्ट्री और दिल के मरीजों को डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है। डायबिटीज के मरीज अपनी जीवनशैली में बदलाव कर बीमारी पर काबू पा सकते हैं। एक दिन में कम से कम 30-45 मिनट का व्यायाम इस बीमारी से बचा सकती है। खानपान में फल, अनाज और सब्जियां का सेवन करें और कभी भी खाली पेट नहीं रहें। इसके अलावा वजन पर नियंत्रण करना, पर्याप्त नींद लेना और तनाव मुक्त जीवनशैली आपको मधुमेह से दूर रखेगा। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुरेश प्रशाद ने बताया, डायबिटीज होने के बहुत से कारण होते हैं। उनमें सबसे बड़ा कारण है शरीर का वजन अधिक होना। कई बार हाई ब्लड-प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना भी डायबिटीज का कारण होता है। गर्भावस्था में महिलाओं को डायबिटीज का शिकार होना बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके अलावा उम्र अधिक होना, फैमिली हिस्ट्री और दिल के मरीजों को डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है। डायबिटीज प्रबंधन रोगियों के लिए बहुत जरूरी है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की डायबिटीज के मरीज अपनी जीवनशैली में बदलाव कर बीमारी पर काबू पा सकते हैं। प्रतिदिन कम से कम 30-45 मिनट का व्यायाम इस बीमारी को दूर रखता है। खानपान में फल, अनाज और सब्जियां का सेवन करें और कभी भी खाली पेट न रहें। इसके अलावा वजन पर नियंत्रण करना और पर्याप्त नींद लेने से भी इस बीमारी की संभावना कम हो जाती है। तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाना भी फायदेमंद होगा। डायबिटीज के मरीज हरी पत्तेवाली सब्जियां, सलाद और अंकुरित अनाज खाएं। रात में खाना जल्दी खाएं और डिनर के बाद टोन्ड दूध जरूर पीयें। हमेशा कम चीनी या बिना चीनी की चाय पीयें। दिन के खाना में दही या छाछ ले सकते हैं। सुबह खाली पेट मेथी के दाने का पानी भी लाभदायी होगा। रोज व्यायाम करें और कम से कम दो किलोमीटर पैदल चलें। इसके अलावा आंवले और करेला का जूस भी पी सकते हैं।