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किशनगंज : व्यवहार न्यायलय परिसर में आयोजित की वर्ष की अंतिम भव्य राष्ट्रीय लोक अदालत

राष्ट्रीय लोक अदालत में व्यवहार न्यायालय के कुल 202 मामलें जिसमें दावा वाद के 09 मामलें, अपराधिक शमनीय 134 मामलें, विधुत विभाग के 58 मामलें एवं चेक बाउंस के 01 मामलें सम्मिलित हैं

किशनगंज, 09 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त लोक अदालत में मदन किशोर कौशिक जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने पीठ के सदस्यों एवं अन्य पदाधिकारियों से अपील किया की पक्षकारों को ध्यान में रखते हुए मामलों का निपटारा उदारता पूर्वक एवं नियमानुसार करें तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज ओम शंकर ने पक्षकारों से विशेष अनुरोध किया कि वे अपने-अपने वादों का निष्पादन शांति पूर्वक एवं कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सुरक्षात्मक रूप से करें। राष्ट्रीय लोक अदालत के पीठ के न्यायिक सदस्य कुमार गुंजन, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम, राघवेन्द्र नारायण सिंह, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, रोहित श्रीवास्तव, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम, अमृत कुमार सिंह, मुंसिफ प्रथम किशनगंज, इंजमामुल हक़ न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, रंधीर कुमार, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सम्मिलित थे। इन छ: पीठों में गैर न्यायिक सदस्य के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकार किशनगंज के पैनल अधिवक्ता क्रमशः जय किशन प्रसाद, मधुकर प्रसाद गुप्ता, प्रदीप ठाकुर, महादेव प्रसाद दिनकर, प्रभात कुमार राय, एवं संगीता मानव की प्रतिनियुक्ति की गई थी। राष्ट्रीय लोक अदालत में व्यवहार न्यायालय के कुल 202 मामलें जिसमें दावा वाद के 09 मामलें, अपराधिक शमनीय 134 मामलें, विधुत विभाग के 58 मामलें एवं चेक बाउंस के 01 मामलें सम्मिलित हैं। 09 दावा वादों में कुल- 65,25,000/ का समझौता हुआ। बैंक ऋण के कुल 541 मामले में समझौता राशी कुल रूपये 8,15,43,314/- का तथा 14 टेलीफोन बिल से संबंधित मामलों में कुल रूपये 70,729/- का समझौता हुआ। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में काफी भीड़ देखी गई। जहा जिले के विभिन्न क्षेत्रो से आए पक्षकारों ने अपने-अपने वाद का निष्पादन करवाने में काफी सक्रिय भूमिका निभाई। पक्षकारों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो इसके लिए जगह-जगह सहायता केंद्र पर साथ ही प्रत्येक पीठ में एक–एक पारा विधिक स्वंय सेवकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज के कर्मी के साथ-साथ व्यवहार न्यायालय के कर्मचारीगण ने काफी सक्रीय भूमिका में दिखें।

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