किशनगंज : टीकाकरण से बारह जानलेवा बीमारियों से होता है बचाव : सिविल सर्जन
टीकाकरण में गति लाने के लिए कर्मियों का क्षमता वर्धन जरूरी: डीआईओ

कई जानलेवा बीमारियों से होता है बचाव, समय पर कराएं टीकाकरण, एएनएम का दो दिवसीय प्रशिक्षण में टीकाकरण को लेकर दी गई आवश्यक जानकारीकिशनगंज, 17 फ़रवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, नवजात के स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए उचित देखभाल बेहद जरूरी। इसे सुनिश्चित करने में सबसे बड़ा योगदान उसकी मां का ही होता है। किन्तु, इसमें थोड़ी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन जाती और नवजात का बार-बार बीमार होने का खतना बढ़ जाता है। इसलिए जन्म के बाद नवजात की रोग प्रतिरोधक क्षमता समेत अन्य देखभाल के साथ नियमित टीकाकरण जरूरी होता है। इससे बच्चों के शरीर की रक्षा होती है । छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम इतना स्ट्रॉन्ग नहीं होता कि वो वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ सके। इसी इम्यून को मजबूत बनाने के लिए उन्हें टीका लगाया जाता है। हर साल, लगभग 3 मिलियन लोगों को टीकाकरण की मदद से कई खतरनाक रोगों जैसे निमोनिया, हेपेटाइटिस, डिप्थीरिया, खसरा और हैजा से बचाया जाता है। बच्चे के पैदा होने के बाद उसे भी कुछ खास दवाएं टीके की मदद से दी जाती हैं। टीके रोग पैदा करने वाले जीवाणुओं की नकल करके काम करते हैं और जिससे शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा होती है। इस प्रकार उत्पादित एंटीबॉडी, शरीर की मेमोरी कोशिकाओं में बने रहते हैं और यदि वास्तविक संक्रमण होता है, तो शरीर रक्षा तंत्र के साथ तैयार रहता है। इसी क्रम में बच्चों को विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण अभियान चलाए जाते हैं। जिसमें कई प्रकार के टीके लगाकर बच्चों को प्रतिरक्षित किया जाता है। नियमित टीकाकरण को बेहतर करते हुए शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त किया जाए, इस पर सरकार लगातार बल दे रही है। इसके लिए नियमित टीकाकरण से जुड़ी स्वास्थ्य कर्मियों का लगातार क्षमता वर्धन भी किया जा रहा है। सरकार की दिशा निर्देश के आलोक में जिले में भी नियमित टीकाकरण से जुड़ी जिले की सभी प्रखंडों के एएनएम का तकनीकी क्षमता का विकास करने के मकसद से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सिविल सर्जन डा. मंजर आलम के दिशा निर्देश में आहूत की गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेंद्र कुमार ने बताया की जिले के विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत सभी एएनएम का बैच बना कर क्षमता वर्धन किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डब्लूएचओ के एसएम्ओ डॉ प्रीतम, यूनिसेफ एसएमसी, यूएनडीपी के पदाधिकारी सहित अन्य कर्मी उपस्थित है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेंद्र कुमार ने बताया शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए मां के गर्भ से लेकर 16 वर्ष तक के बच्चों पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। बच्चों को खसरा, टिटनेस, डिप्थीरिया, पोलियो, क्षय रोग, काली खांसी, जेई, हेपेटाइटिस बी जैसी गंभीर एवं जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए बच्चों एक दर्जन से अधिक टीके लगा कर उन्हे प्रतिरक्षित किया जाता है। बच्चो में जानलेवा बीमारियों से बचे रहने के लिए इम्युनिजेशन बहुत ही सस्ता और प्रभावी तरीकों में से एक है। पूर्ण रूप से प्रतिरक्षित (इम्मुनाइज़्ड) बच्चों की तुलना में आंशिक रूप से इम्मुनाइज़्ड और अनइम्मुनाइज़्ड बच्चों में कम्युनिकेबल बीमारियों से मरने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि बच्चों को पूर्ण टीकाकरण उन्हें स्वस्थ और नई जिंदगी प्रदान करता है। इसलिए बच्चों को नियमित टीकाकरण करवाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नियमित टीकाकरण को बेहतर बनाने के साथ-साथ टीकाकरण में गति लाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहे हैं और इसी को लेकर टीकाकरण से संबंधित सभी स्वास्थ्य कर्मियों का क्षमतावर्धन किया जा रहा है। समय-समय पर क्षमतावर्धन करके टीकाकरण अभियान में गति लाई जाती है। साथ ही विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश को भी स्वास्थ्य कर्मियों के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं ताकि टीकाकरण के दौरान होने वाली गलतियां एवं कमियों को दूर किया जा सके। वही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. टी एन रजक ने कहा कि नियमित टीकाकरण की शुरुआत मां के गर्भ से ही शुरू हो जाती है और 16 वर्ष तक समय-समय आर विभिन्न रोगों के टीके दिए जाते है। उन्होंने लोगों से अपील की कि जिनके बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित हुए हो या अभी तक नही लगाया है वे लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जा कर अपने बच्चे का टीकाकरण जरूर करवा ले। डा. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि बच्चों में कम्युनिकेबल और इंफेक्शन वाली बीमारियों को रोकने में इम्युनिजेशन प्रक्रिया बहुत ही सस्ती और प्रभावकारी होती है। इम्युनिजेशन के लिए बिना वैक्सीन की ये रोकथाम वाली बीमारियां बच्चों में जानलेवा बन जाती है। अगर आप अपने बच्चे को सभी जरूरी वैक्सीन से युक्त करना चाहते है तो बच्चे का जन्म किसी संस्थान में कराएं जैसे कि किसी हॉस्पिटल या हेल्थकेयर सेंटर में ट्रेंड मेडिकल प्रोफेशनल की निगरानी में बच्चे को जन्म देना। सूजन, लाल होने या मामूली बुखार जैसे मामूली साइड इफेक्ट को छोड़कर इम्युनिजेशन एक सुरक्षित प्रक्रिया होती है और मां से प्राप्त एंटीबॉडी के बाद बच्चे को बीमारियों से बचाने के लिए यह महत्वपूर्ण होती है।