किशनगंज : हर 3 महीने पर लैब टेक्नीशियनों से DPM वसूलता था 6100 रुपए, आयुक्त ने सेवा रद्द करने के दिए निर्देश

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अभी पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ. एसके वर्मा के भ्रष्टाचार मामले की जांच पूरी भी नहीं हुई है कि दूसरी तरफ किशनगंज के घुसखोर डीपीएम के अवैध वसूली का नया मामला सामने आ गया। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ. मोनाजिम सेवा एक्सटेंशन के लिए हर तीन महीने पर लैब टेक्नीशियनों से 6100 रुपए वसूलते थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्णिया रेंज के कमिश्नर गोरखनाथ ने डीपीएम की संविदात्मक सेवा रद्द करने का डीएम को निर्देश दिया है। घुसखोर डीपीएम की लैब टेक्नीशियनों ने गुप्त पत्र भेजकर कमिश्नर से शिकायत की थी। गौरतलब है कि किशनगंज में जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ. मोनाजिम के द्वारा जिले में कोविड काल में कोविड टेस्टिंग के लिए नियुक्त लैब टेक्नीशियन से हर तीन महीने पर एक्सटेंशन के लिए 6100 रुपए की वसूली की जा रही थी। मामले का खुलासा तब हुआ, जब कोविड टेस्टिंग के लिए नियुक्त लैब टेक्नीशियनों ने गुप्त पत्र के जरिए डीपीएम के काले कारनामों की जानकारी प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ को दी। इसके बाद प्रमंडलीय आयुक्त ने मामले में 13 सितंबर को किशनगंज के सिविल सर्जन और डीपीएम को संचिका के साथ बुलवा कर इसकी सुनवाई की। कमिश्नर की सुनवाई में मामला सही पाया गया। 2020 में कोविड-19 के दौरान राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा सभी जिले में स्थानीय स्तर पर संविदा के आधार पर लैब टेक्निशियन को नियुक्त करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद 12 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय पर किशनगंज जिले में 15 लैब टेक्नीशियन की बहाली हुई थी। इनका समय-समय पर अगले तीन महीने के लिए सेवा विस्तार हेतु राज्य समिति के द्वारा डीएम को निर्देश दिया जाता था। जांच के दौरान संचिका से पता चला कि 30 जून के बाद सुनवाई की तिथि तक इन लोगों का सेवा विस्तार नहीं हुआ है, जबकि राज्य स्वास्थ्य समिति के (पत्रांक 1989-30 जून 2022) भेजे पत्र में पूर्व से निर्धारित कार्यरत सभी लैब टेक्नीशियन को 30 सितंबर तक रखने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद इन लोगों का सेवा विस्तार नहीं हुआ था। इससे यह स्पष्ट होता है कि डीपीएम पर लगाए गए आरोप सही हैं। साथ ही लैब टेक्निशियनों के द्वारा भेजे गए आवेदन व संलग्न कागजातों को भी देखने के बाद प्रथम दृष्टया लगाए गए आरोपों की प्रमाणिकता बढ़ जाती है। कमिश्नर ने मामले में डीएम को किशनगंज के डीपीएम से शोकॉज पूछने के साथ-साथ उनकी संविदात्मक सेवा समाप्त करने की कार्रवाई का निर्देश दिया है। मामले को लेकर पूछे जाने पर किशनगंज डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि मुझे इस मामले की अभी तक जानकारी नहीं है।