ताजा खबर

*बिहार में 10 वर्षों में रिकॉर्ड 1.46 करोड़ शौचालयों का हुआ निर्माण*

– खुले में शौच मुक्त हुआ बिहार, 8 लाख और शौचालय का होगा निर्माण*

– लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान से ग्रामीण अपशिष्टों का हो रहा निपटान*

– ग्रामीण इलाकों में डोर-टू-डोर कचरा उठाव के लिए एक लाख से अधिक रिक्शों का हो रहा इस्तेमाल*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण और स्वच्छता के क्षेत्र में बिहार ने बड़ी सफलता हासिल की है। राज्यभर में वर्ष 2014 से अब तक करीब 10 सालों में 1 करोड़ 46 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग का यह अभियान पूरे राज्य में सफल रहा है।

*शौचालय निर्माण से ग्रामीण जीवन में बड़ा बदलाव*

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय-1 के तहत ‘शौचालय निर्माण घर का सम्मान’ की लक्ष्य प्राप्ति के लिए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान प्रथम चरण (वर्ष 2014-15 से 2019-20) में राज्य के 122.15 लाख परिवारों के लिए व्यक्तिगत शौचालय बनवाए गए। इस अभियान में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय की सुलभता एवं उपयोग की निरंतरता को प्रोत्साहित करने के लिए सभी श्रेणी के परिवारों को 12 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया। इसके साथ ही लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत अब तक 9 हजार 824 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण कराया गया है। वहीं, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण (वर्ष 2021-22 से 2025 26) के तहत 24.70 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है। इस तरह पिछले 10 वर्षों में एक करोड़ 46 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण हुआ है।

*8 लाख और शौचालय का होगा निर्माण*
बिहार को पूर्ण स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से केंद्र प्रायोजित स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं राज्य वित्त संपोषित लोहिया स्वच्छता योजना को राज्य सरकार द्वारा समेकित करते हुए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान का संचालन किया जा रहा है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के द्वितीय चरण के तहत अब वित्तीय वर्ष 2025-26 में करीब 8 लाख नये परिवार या किसी कारणवश छूटे हुए परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय की सुलभता प्रदान करने का राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है। ग्रामीण अपशिष्ट प्रबंधन के लिए डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 1 लाख से अधिक रिक्शों का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही भूमिहीन परिवारों, चलंत आबादी और अस्थायी आबादी को शौचालय उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार सामुदायिक स्वच्छता परिसर/ क्लस्टर शौचालय का भी निर्माण किया जाएगा।

*लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान का प्रभाव*
इस अभियान के सफल क्रियान्वयन से न केवल बिहार खुले में शौच मुक्त हुआ है बल्कि ग्रामीण परिवारों को स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा भी मिली है। बिहार सरकार की यह पहल राज्य को स्वच्छता के नए आयाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रही है और आने वाले वर्षों में इसे और मजबूती प्रदान की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button