किशनगंज : प्रसव के बाद मां के लिए सही पोषण जरूरी
माताओं को उनके नवजात शिशु को सही पोषण के लिए काफी स्वास्थ्य के प्रति जवावदेह होना चाहिय, भले ही वह अपने शिशु को स्तनपान नहीं करा रही है। माताओं के लिए भोजन का नियमित समय होना चाहिए

किशनगंज, 19 जनवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, गर्भधारण की स्थिति और गर्भधारण के बाद की स्थितियां माताओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं। इसलिए माताओं के लिए पोषण बहुत आवश्यक है। सदर अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सा पदाधिकारी डा. शबनम यस्मिन ने बताया की जिन माताओं ने शिशु को जन्म दिया है, उसके पोषण का प्रभाव सीधे तौर पर उसके बच्चे के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। यानि माताएं, जो भी पोषण ग्रहण करती हैं, उसका सीधा असर बच्चे के लिए स्तनपान पोषण को भी निर्धारित करता है। माताओं को उनके नवजात शिशु को सही पोषण के लिए काफी स्वास्थ्य के प्रति जवावदेह होना चाहिय, भले ही वह अपने शिशु को स्तनपान नहीं करा रही है। माताओं के लिए भोजन का नियमित समय होना चाहिए। स्तनपान कराने वाली माताओं को एक दिन में लगभग 2100 कैलोरी की आवश्यकता होती है और एक सामान्य स्तनपान कराने वाली महिलाओं की तुलना में यह आवश्यकता 400 से 500 कैलोरी अधिक होती है। डा. शबनम यस्मिन ने बताया कि डिलीवरी के बाद मां को संतुलित आहार देना चाहिए। संतुलित आहार एक ऐसी थाली है, जिसमें माताओं के लिए एक तिहाई हरी साग सब्जियां, एक तिहाई प्रोटीन और एक तिहाई कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए। इसके अलावा प्लेट में अलग-अलग रंगों वाली अलग-अलग प्रकार की सब्जियां विभिन्न प्रकार के फल विटामिन और खनिज तत्व होने चाहिए। संतुलित आहार इसलिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे माता के दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है। ऐसे दूध से नवजात बच्चे के भूख को शांत करने की संभावना अधिक से अधिक रहती है। इसके अलावा नई माताएं अपने खाने में ब्राउन राइस मोटे अनाज, पास्ता, चपाती और साबुत अनाज भी शामिल कर सकती है। इस प्रकार के भोजन से उन्हें और अधिक कैलोरी प्राप्त होगी। इसके अलावा यदि आप मांसाहारी हैं तो अपने खाने में अंडे मछली भी शामिल कर सकती है। और वसा के रूप में आपको जैतून का तेल एवं मेवे और मछली के तेल को भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए। डा. शबनम यस्मिन ने बताया कि यदि माता शाकाहारी हैं तो आपको अपने खाने में विभिन्न प्रकार की हरी साग-सब्जियां, विभिन्न प्रकार के फल, विभिन्न प्रकार के मेवों के साथ ही विटामिन बी12, विटामिन डी, ओमेगा 3 फैटी एसिड और कैल्शियम सप्लीमेंट को भी शामिल करना चाहिए। संतुलित भोजन के अलावा कुछ और ऐसे खाद्य पदार्थ भी होते हैं जो मां के दूध को और अधिक पोषित बनाते हैं। इसके लिए आप को अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां, मेथी, लहसुन, अजवाइन आदि को शामिल कर सकते हैं। किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत महिला चिकित्सिका डा. आशिया नूरी ने बताया की मांओं को अपने रोज के खाने में दूध, दही, घी को भी शामिल करना चाहिए। जिससे उन्हें कैल्शियम मिलेगा और इससे बच्चे की हड्डियां मजबूत होंगी। यहां ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि प्रसव के बाद अधिकतर महिलाओं में हाइड्रेशन की वजह से बहुत अच्छी मात्रा में दूध की आपूर्ति होती है, रक्त के संचालन में भी वृद्धि होती है, और शरीर से मल नियमित रूप से और आसानी से भी निकल जाता है। इसलिए महिलाओं को प्रतिदिन छह से आठ गिलास पानी पीना चाहिए। कुछ महिलाएं जो प्रतिबंधात्मक आहार लेती हैं उन महिलाओं में पोषण के तत्वों की कमी का खतरा अधिक रहता है, इसलिए एक नवजात शिशु की माता को विटामिन भरपूर मात्रा में लेना चाहिए। स्तनपान के दौरान अक्सर देखा जाता है, कि महिलाओं में आयोडीन, कैल्शियम की कमी बढ़ जाती है इस कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को मल्टी विटामिन, विटामिन डी, और कैल्शियम का सेवन करना चाहिए।