किशनगंज : मानसून की पहली बारिश में ढह गया किशनगंज एक्सप्रेसवे, स्कॉर्पियो खाई में गिरी, बाल-बाल बचे यात्री

किशनगंज,15जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में मानसून की पहली बारिश ने ही प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी है। कोचाधामन प्रखंड अंतर्गत सराय पावर सब स्टेशन के समीप बने एक्सप्रेसवे (डीबी 50 रोड) पर रविवार देर रात सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया, जिससे एक स्कॉर्पियो गाड़ी अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। गनीमत रही कि वाहन में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं और उन्हें केवल मामूली चोटें आई हैं।
घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और प्रशासन को सूचना दी। राहत कार्य के लिए प्रशासनिक टीम घटनास्थल पर पहुंची और जेसीबी मशीन की मदद से वाहन को बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी है।
आवागमन पूरी तरह ठप
सड़क धंसने से कोचाधामन के सोंथा और रहमतपारा गांव के बीच सीधा संपर्क पूरी तरह टूट गया है। यह मार्ग किशनगंज जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला एक प्रमुख संपर्क मार्ग था, जिस पर अब आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। इससे ग्रामीणों, विद्यार्थियों और आपातकालीन सेवाओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वैकल्पिक मार्ग की अपील
स्थानीय प्रशासन ने आम नागरिकों से NH-327E अथवा अलताकमलपुर के रास्ते का उपयोग करने की सलाह दी है। प्रशासन का कहना है कि मरम्मत कार्य जल्द प्रारंभ किया जाएगा।
तीसरी बार टूटा वही डायवर्सन
गौरतलब है कि 2017 की बाढ़ के बाद से यह तीसरी बार है जब इसी स्थान पर सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। इससे यह स्पष्ट है कि इस डायवर्सन पर स्थायी समाधान अब तक नहीं किया गया है। बार-बार हो रही इस टूट-फूट से क्षेत्रवासियों में गहरा आक्रोश है।
स्थानीयों की मांग – जल्द हो स्थायी मरम्मत
रहमतपारा व सोंथा पंचायत के ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि अब केवल अस्थायी मरम्मत नहीं, बल्कि सड़क की स्थायी और मजबूत निर्माण योजना लागू की जाए ताकि हर साल बारिश में जान जोखिम में न पड़े।
स्थानीय निवासी ने कहा: “हर बार थोड़ा सा माटी डालकर रास्ता बना दिया जाता है, मगर जैसे ही बारिश होती है, सड़क बह जाती है। अबकी बार तो जान पर बन आई थी।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि घटनास्थल का निरीक्षण कर लिया गया है और शीघ्र ही अस्थायी मरम्मत कार्य शुरू कर मार्ग को सामान्य किया जाएगा। स्थायी निर्माण को लेकर प्रस्ताव भेजा जा रहा है।गौर करे कि मानसून की पहली बारिश ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि क्षेत्रीय सड़कों की स्थिति दयनीय है और स्थायी समाधान की जरूरत है। प्रशासन को चाहिए कि तात्कालिक मरम्मत के बजाय दीर्घकालिक योजनाएं लागू करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।