किशनगंज : अपने रक्तचाप को स्टिक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें की थीम पर मनाया गया उच्च रक्तचाप दिवस

breaking News District Adminstration Kishanganj राज्य स्वास्थ्य

उच्च रक्तचाप दिवस: जीवनशैली में बदलाव लाकर उच्च रक्तचाप को रखें नियंत्रित

  • प्रतिदिन 45 मिनट तक टहलें जरूर।
  • खान-पान पर दें ध्यान और लापरवाही करने से बचें।

किशनगंज, 17 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, हर साल 17 मई को उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। अंग्रेजी में इसे हाईपरटेंशन भी कहते हैं। उच्च रक्तचाप दिवस मनाने का उद्देश्य इसके प्रति लोगों को जागरूक करना है। इस साल के लिए विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की थीम “अपने रक्तचाप को स्टिक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें” है। लोगों में उच्च रक्तचाप के बारे में कम जागरूकता इसे और खतरनाक बनाती है। अघिक से अधिक लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल सके, ताकि वह इसकी चपेट में आने से बच सकें। समय रहते इस पर नियंत्रण पा लें। बुधवार को सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने सदर अस्पताल परिसर में जानकारी देते हुए बताया कि इस बार की थीम बिल्कुल ही स्टिक है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए इसे नियमित तौर मापना बहुत ही जरूरी है। साथ ही उसके अनुकूल व्यवहार भी करना चाहिए। इसी क्रम में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उच्च रक्तचाप की जांच एवं जागरूकता अभियान चलाया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश की करीब 32% से अधिक की आबादी उच्च रक्तचाप से पीड़ित है। जिसमें 25% शहरी आबादी और 10% ग्रामीण आबादी हाइपरटेंशन से ग्रसित है। चिकित्सीय परामर्श के अनुसार 130/80 mmHg से ज्यादा रक्त का दबाव हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है। (हाइपरटेंशन) ब्लड प्रेशर से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रक्तचाप तय मानक से ज्यादा हो जाता है। दरअसल, धमनियों के जरिए खून को दौड़ने के लिए प्रेशर की एक निश्चित मात्रा की जरूरत होती है। कई बार खून का बहाव सामान्य से ज्यादा हो जाता है तो यह धमनी की दीवार पर ज्यादा दबाव डालता है। इसे ही हाइपरटेंशन कहते हैं। जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि यह दो प्रकार का होता है। पहला एशेनशिएल हाइपरटेंशन जो मूलतः आनुवांशिक, अधिक उम्र होने पर, अत्यधिक नमक का सेवन तथा लचर एवं लापरवाह जीवनशैली के कारण होता है। दूसरा सेकेंडरी हाइपरटेंशन, जब उच्च रक्तचाप का सीधा कारण चिह्नित हो जाये तो उस स्थिति को सेकेंडरी हाइपरटेंशन कहते हैं। यह गुर्दा रोग के मरीजों तथा गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में अधिक देखा जाता है। तनावग्रस्त जीवनशैली हाइपरटेंशन के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा धूम्रपान करना, मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, अच्छी नींद का ना लेना, चिंता, अवसाद, भोजन में नमक का अधिक प्रयोग, गंभीर गुर्दा रोग, परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास एवं थायराइड की समस्या, हाइपरटेंशन का कारण हो सकता है। सिविल सर्जन ने बताया कि उच्च रक्तचाप का सबसे प्रमुख कारण बेलगाम जीवन शैली है। खाने से लेकर सोने और उठने तक का समय निर्धारित नहीं रहना और फास्ट फूड का अधिक सेवन करना प्रमुख कारण है। लोगों को घर का खाना खाने पर जोर देना चाहिए। बाहर के खाने से परहेज करना चाहिए। साथ ही रूटीन बनाकर एक निर्धारित समय पर सोने का प्रयास करें और उठने का भी समय निश्चित कर लें। खाने में तेल-मसाले का अधिक इस्तेमाल नहीं करें। साथ ही हरी और पत्तेदार सब्जियों और फलों का अधिक से अधिक सेवन करें। सभी लोगों को अपनी जीवनशैली में इसे अपनाना चाहिए। जो चपेट में आ गए हैं, उन्हें तो बचाएगा ही। साथ में जो लोग अभी तक बचे हुए हैं, वह भी इस बीमारी की चपेट में आने से बचे रहेंगे। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि आधुनिक जीवनशैली में सबसे बड़ी कमी यही है कि लोगों पर काम का अत्यधिक दबाव है। इस वजह से लोग स्वास्थ्य पर जरूरी समय नहीं दे पाते हैं। उच्च रक्तचाप होने की यह भी एक वजह है। आधुनिक जीवनशैली में एक तो समय का अभाव औऱ ऊपर से भोजन भी अधिकतर बाहरी ही हो पाता है। उससे मिलने वाले कैलोरी को बर्न करने का भी समय नहीं रह पाता है। ऐसा भूल से भी नहीं करें। काम कितना भी अधिक हो, लेकिन अपने शरीर के लिए प्रतिदिन 45 मिनट जरूर निकाल लें। सुबह अगर समय हो सुबह में ही, लेकिन अगर सुबह में समय नहीं मिलता है तो शाम में अवश्य 45 मिनट तक तेज कदमों से टहलें। यह सबसे ज्यादा जरूरी है।