किशनगंज : महिला विशेष कोषांग महिलाओं की सुरक्षा व उसे न्याय दिलाने में ढ़ाल बनकर खड़ी है..
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, आज महिलाओं के साथ बढ़ रहे अत्याचार से जहां महिलाएं अपने को डरी सहमी महसूस कर रही हैं।वहीं महिलाओं की सुरक्षा व उसे न्याय दिलाने में महिला विशेष कोषांग ढ़ाल बनकर खड़ी है।जिले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तीन सालों में अब तक 450 से अधिक निबंधित मामलों का निष्पादन किया जा चुका है।इनमें सबसे अधिक घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना से जुड़े मामले हैं।इन मामलों में कई महिलाएं महिला बिशेष कोषांग के जरिए आपसी सुलह के आधार पर समझौते कर पति के साथ बेहतर जीवन गुजर बसर कर रही है।सबसे सुखद बात है कि सरकार की योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय महिला आयोग एवं बिहार पुलिस के द्वारा महिला बिशेष कोषांग संचालित किया जा रहा है।जिससे महिलाओं की शिकायत सुनने के लिए महिला विशेष कोषांग तत्पर रहता है।इसके जरिए महिलाएं घरेलू हिंसा, यौन शोषण, बाल विवाह, दहेज प्रताड़ना, छेड़छाड़, मानव व्यापार जैसे मामलों में भी न्याय पा रही है।महिलाओं के लिए यह सुखद स्थिति है कि इसके जरिए थाना से लेकर कोर्ट तक मदद मिल रही है।यहां तक कि अधिवक्ता की भी सेवा महिला बिशेष कोषांग नि:शुल्क उपलब्ध करवा रही है।हालांकि जागरूकता की कमी के कारण आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की प्रताड़ित महिलाएं शिकायत करने से परहेज कर रही है।यही कारण है कि डीआईआर (घरेलू घटना प्रतिवेदन) के मामले महिला विशेष कोषांग में कम आ रहे हैं।कब कब कितने वादों का हुआ निष्पादन..
महिला बिशेष कोषांग वित्तीय वर्ष 2017-18 में विभिन्न वादों में करीब 252 महिलाओं को न्याय दिला चुकी है।इस वित्तीय वर्ष में 160 मामले निबंधित किए गए थे।125 का निष्पादन किया गया।इसी तरह वर्ष 2018-19 में 160 निबंधित मामले में 124 मामले का निष्पादन किया जा रहा है।