किशनगंज : गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान-हर गांव में सुरक्षित मातृत्व का संकल्प
जिला प्रशासन की समीक्षा बैठक में प्रगति और सख्त निर्देश, मुख्यमंत्री की यात्रा को लेकर तैयारियां तेज

किशनगंज, 26 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने और गृह प्रसव की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से चलाए जा रहे गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान की समीक्षा बैठक गुरुवार को आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी विशाल राज ने की, जिसमें सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार, प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य टीमों और अन्य विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसे और प्रभावी बनाने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए। समीक्षा बैठक में डीआईओ डा. देवेंद्र कुमार, सीडीओ डा. मंजर आलम, एनसीडीओ डा. उर्मिला कुमारी, डीएस डा. अनवर हुसैन, डीपीएम डा. मुनाजिम, डीपीसी, डीडीए, डीएमएनई, सभी प्रभारी चिकित्सा, बीएचएम, बीसीएम, सहयोगी संस्था के जिला प्रतिनिधि शामिल हुए। जिला प्रशासन ने गृह प्रसव की घटनाओं को जड़ से खत्म करने के लिए एक स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत की। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने गृह प्रसव के मामलों को रोकने के लिए सख्त निगरानी और समय पर रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। बैठक में मुख्यमंत्री की संभावित प्रगति यात्रा को ध्यान में रखते हुए सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी विशाल राज ने अभियान को जिले के हर गांव में सफल बनाने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य है कि कोई भी गर्भवती महिला संस्थागत प्रसव से वंचित न रहे। यह तभी संभव है जब सभी विभाग, पंचायत प्रतिनिधि और समुदाय एकजुट होकर काम करें।” बैठक के अंत में अधिकारियों और टीमों ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि जिले की हर गर्भवती महिला को समय पर संस्थागत प्रसव की सुविधा उपलब्ध हो। गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए ठोस योजनाओं और सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया गया। समीक्षा बैठक के दौरान सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने यह भी निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री की संभावित यात्रा से पहले जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों की तैयारियों को दुरुस्त किया जाए। इसमें सफाई, सुविधाओं की उपलब्धता, और आपात सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।यह अभियान केवल एक योजना नहीं, बल्कि हर गांव और हर परिवार के लिए सुरक्षित मातृत्व की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।