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किशनगंज: हर पंचायत में लगेगा पशु चिकित्सा शिविर, मोबाइल वेटरिनरी यूनिट योजना के तहत शुरू हुआ जिला स्तरीय अभियान

15 से 20 सितंबर तक जिले के सभी प्रखंडों में चलेगा विशेष कार्यक्रम, पशुपालकों को मिलेगा घर के पास इलाज

किशनगंज,13सितंबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों को त्वरित, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण पशु चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मोबाइल वेटरिनरी यूनिट (M.V.U.) योजना के तहत एक विशेष पशु चिकित्सा अभियान शुरू किया जा रहा है। यह शिविर 15 सितंबर से 20 सितंबर 2025 तक जिले के सभी प्रखंडों के चयनित गांवों में आयोजित किए जाएंगे।प्रत्येक कार्य दिवस को प्रत्येक प्रखंड में दो ग्रामों का चयन कर निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसका संचालन भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा।

शिविरों में दी जाने वाली प्रमुख सेवाएं:

  • पशुओं की स्वास्थ्य जांच और उपचार
  • रोगों के निदान के लिए परामर्श और दवा वितरण
  • टीकाकरण और रोग-निवारण संबंधी सेवाएं
  • परजीवी नियंत्रण और कृमिनाशक दवाएं
  • पशुपालन से जुड़ी तकनीकी सलाह और प्रशिक्षण
  • आपातकालीन बीमारियों की स्थिति में त्वरित चिकित्सीय सहायता

आपात स्थिति में पशुपालक टोल-फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर मोबाइल वेटरिनरी सेवा का लाभ ले सकते हैं।

15 से 20 सितंबर तक का कार्यक्रम – कुछ चयनित स्थान:

  • पोठिया प्रखंड: फुलहारा, पानबाड़ा, सिंघियामारी, गलगलिया, मांगुरजान
  • दिघलबैंक प्रखंड: बालूबारी, टांगन टप्पू, पक्कामुड़ी, गोरुमारा, तुलसिया
  • ठाकुरगंज प्रखंड: पटेशीरी, बड़ापोठिया, डाकपाड़ा, हसनपुर, दल्लेगांव
  • कोचाधामन प्रखंड: कोईतोर, माहीयारपुर, मसतालीया, हारखुगरीया, गरगांव
  • बहादुरगंज प्रखंड: कोईमारी, झीलझीली, डेहर, बनगामा, कटहलबाड़ी
  • टेढ़ागाछ प्रखंड: बेतबाड़ी, गरगांव, लालपानी, फुलवारी, डोरिया
  • किशनगंज प्रखंड: गाछपाड़ा, पियाकोरी, छगलिया, चकला, कनरबंदा

प्रखंडवार विस्तृत ग्राम सूची के अनुसार शिविरों की तिथि और स्थान निर्धारित है।

पशुपालकों को होगा सीधा लाभ:

  • इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा
  • पशु मृत्यु दर में कमी आएगी
  • दूध उत्पादन और पशुधन उत्पादकता में बढ़ोतरी
  • पशुपालन तकनीक और टीकाकरण की जानकारी
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

जिला पशुपालन पदाधिकारी, किशनगंज ने बताया, “मोबाइल वेटरिनरी यूनिट योजना से अब पशुपालकों को घर के पास ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो रही है। इससे उनके समय और संसाधनों की बचत होगी और पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार आएगा।”

प्रशासन की अपील:

जिला प्रशासन, किशनगंज सभी पशुपालकों से अपील करता है कि वे अपने नजदीकी शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें, पशुओं का नियमित टीकाकरण कराएं और जरूरत पड़ने पर टोल-फ्री नंबर 1962 का उपयोग करें।

इस सामूहिक प्रयास से न केवल पशुधन की रक्षा संभव होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी स्थायित्व और मजबूती मिलेगी।

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