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किशनगंज : कंप्यूटर सॉफ्टवेयर रखेगा थानों के मालखाने पर नजर, किशनगंज एसपी का यह मॉडल राज्य भर में होगा लागू।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, पूरे बिहार में किशनगंज एसपी डॉ इनामुलहक मेंगनु का ई-मालखाना मॉडल अब लागू होगा। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मॉडल को राज्य के सभी थानों में लागू करने का निर्णय लिया गया। नई व्यवस्था के लागू होने के बाद बिहार के थानों के आगे जैसे-तैसे पड़ी गाड़ियों में काफी हद तक कमी आएगी और थाने कबाड़खाने की तरह नहीं दिखेंगे। गृह विभाग की पिछले दिनों हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव ने किशनगंज एसपी का ई-मालखाना से संबंधित प्रस्ताव बिहार स्तर पर लागू करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। ई-मालखाना के लिए राज्यस्तर पर एक सॉफ्टवेयर का निर्माण भी कराया जाएगा। वहीं, मालखानों में जब्त सामान का बारकोड कराने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने को कहा गया है। गौरतलब हो कि कुछ महीने पहले किशनगंज जिला पुलिस कप्तान डॉ. इनाम उल हक मेंगनू ने सरकार को मालखानों में जब्त गाड़ियां कैसे हटाई जा सकती हैं, इस बाबत रिपोर्ट भेजी थी। इसमें वर्षों से जो गाड़ियां थानों में पड़ी सड़ रही हैं ऐसे वाहनों की सूची तैयार करायी जानी है। इसके बाद वाहन मालिक को नोटिस जारी कर गाड़ी का दस्तावेज प्रस्तुत करने का मौका दिया जाए। जो दस्तावेज लेकर आएंगे उसके दस्तावेज की जांच कर वाहन मुक्त कर दिया जाए। मुक्त करने से पहले गाड़ी की तस्वीर लेकर सुरक्षित रख ली जाएगी। जब्त वाहन को लेकर कोई दावेदार सामने नहीं आता है तो उसकी नीलामी की जाए। नीलामी से पहले उक्त वाहन की भी तस्वीर ली जाएगी। ऐसा हुआ तो थानों के सामने गाड़ियों का कबाड़खाना नहीं दिखेगा।आपको बताते चले कि किशनगंज एसपी डॉ. इनाम उल हक मेंगनू जब जमुई में पदस्थापित थे तो इसपर काम शुरू किया था, पर बाद में उनका तबादला हो गया। किशनगंज में भी उन्होंने इस मॉडल पर काम शुरू कर रखा है, जिसकी सरहाना पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग के स्तर पर भी की गई। अब इस मॉडल को पूरे बिहार में लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है।

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