किशनगंज: गलत जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर मुखिया पद पर चुनाव जीतने वाली मुखिया सोगरा नसरीन को पदमुक्त किया गया

किशनगंज,09अक्टूबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद, राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार ने ग्राम पंचायत जिरनगाछ, प्रखण्ड-ठाकुरगंज, जिला-किशनगंज की वर्तमान मुखिया सोगरा नसरीन को पद से हटा दिया है। यह कार्रवाई बिहार पंचायत राज अधिनियम-2006 की धारा-135 एवं 136(2) के तहत की गई है। आयोग ने पाया कि प्रतिवादी ने पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित मुखिया पद पर जीत प्राप्त करने हेतु गलत जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया था।
वाद में वादी मो० तनवीर आलम ने आरोप लगाया कि सोगरा नसरीन की वास्तविक जाति “शेख” है, जो कि बिहार में अनारक्षित श्रेणी में आती है, जबकि उन्होंने “मोरशिकार (अत्यंत पिछड़ा वर्ग)” जाति का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर आरक्षित पद पर चुनाव लड़ा। आयोग ने राज्य स्तरीय कास्ट स्क्रूटनी कमिटी (निदेशालय) और जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के आधार पर वादी के दावे को सही पाया।
सुनवाई में प्रतिवादी के पक्ष ने दावा किया कि मामला पहले उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और इस आधार पर कार्रवाई रोकनी चाहिए। लेकिन आयोग ने स्पष्ट किया कि यह मामला केवल जेबा बख्तियार से संबंधित था और जाति निर्धारण के लिए पितृ वंश के आधार पर सोगरा नसरीन की जाति भी “शेख” प्रमाणित हुई है।
आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि नामांकन पत्र में गलत सूचना देने और मिथ्या शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के मामले में जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) के माध्यम से सोगरा नसरीन के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही, अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
इस आदेश के साथ ही ग्राम पंचायत जिरनगाछ में मुखिया का पद रिक्त माना जाएगा और नियमानुसार इस पद पर नए चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त, बिहार डॉ. दीपक प्रसाद द्वारा जारी आदेश ज्ञापांक-39/2024 के तहत यह निर्णय लिया गया है।