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किशनगंज : टीकाकरण में गति लाने के लिए कर्मियों का क्षमता वर्धन जरूरी: डीआईओ

कई जानलेवा बीमारियों से होता है बचाव, समय पर कराएं टीकाकरण, जिले के एएनएम का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

नियमित टीकाकरण से होती है बच्चों की सुरक्षा, प्रशिक्षण में टीकाकरण को लेकर दी गई आवश्यक जानकारीकिशनगंज, 09 जनवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, नवजात के स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए उचित देखभाल बेहद जरूरी। इसे सुनिश्चित करने में सबसे बड़ा योगदान उसकी मां का ही होता है। किन्तु, इसमें थोड़ी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन जाती और नवजात का बार-बार बीमार होने का खतना बढ़ जाता है। इसलिए जन्म के बाद नवजात की रोग प्रतिरोधक क्षमता समेत अन्य देखभाल के साथ नियमित टीकाकरण जरूरी होता है। इससे बच्चों के शरीर की रक्षा होती है । इसी क्रम में बच्चों को विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण अभियान चलाए जाते हैं। जिसमें कई प्रकार के टीके लगाकर बच्चों को प्रतिरक्षित किया जाता है। नियमित टीकाकरण को बेहतर करते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त किया जाए, इस पर सरकार लगातार बल दे रही है। इसके लिए नियमित टीकाकरण से जुड़ी स्वास्थ्य कर्मियों का लगातार क्षमता वर्धन भी किया जा रहा है। सरकार की दिशा निर्देश के आलोक में जिले में भी नियमित टीकाकरण से जुड़ी लगभग 304 एएनएम को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करके उनका क्षमता वर्धन किया जाना है प्रशिक्षण ग्रुप बनाकर, 11 बैच में आगामी 31 जनवरी तक दो दिवसीय प्रशिक्षण संचालित होगा। ताकि टीकाकरण के दौरान किसी प्रकार की त्रुटि न रहे और टीकाकरण में भी रफ्तार लाया जाए। इसी क्रम में जिले की दिघलबेंक प्रखंड की सभी एएनएम का तकनीकी क्षमता का विकास करने के मकसद से मंगलवार से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरआत जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेंद्र कुमार ने की। उन्होंने बताया की जिले के विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत सभी एएनएम का बैच बना कर क्षमता वर्धन किया जा रहा है। डा. देवेंद्र कुमार ने बताया शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए मां के गर्भ से लेकर 16 वर्ष तक के बच्चों पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। बच्चों को खसरा, टिटनेस, डिप्थीरिया, पोलियो, क्षय रोग, काली खांसी, जेई, हेपेटाइटिस बी जैसी गंभीर एवं जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए बच्चों एक दर्जन से अधिक टीके लगा कर उन्हे प्रतिरक्षित किया जाता है। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि बच्चों को पूर्ण टीकाकरण उन्हें स्वस्थ और नई जिंदगी प्रदान करता है। इसलिए बच्चों को नियमित टीकाकरण करवाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नियमित टीकाकरण को बेहतर बनाने के साथ-साथ टीकाकरण में गति लाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहे हैं और इसी को लेकर टीकाकरण से संबंधित सभी स्वास्थ्य कर्मियों का क्षमतावर्धन किया जा रहा है। समय-समय पर क्षमतावर्धन करके टीकाकरण अभियान में गति लाई जाती है। साथ ही विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश को भी स्वास्थ्य कर्मियों के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं ताकि टीकाकरण के दौरान होने वाली गलतियां एवं कमियों को दूर किया जा सके। वही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. टी एन रजक ने कहा कि नियमित टीकाकरण की शुरुआत मां के गर्भ से ही शुरू हो जाती है और 16 वर्ष तक समय समय आर विभिन्न रोगों के टीके दिए जाते है। उन्होंने लोगों से अपील किया की जिनके बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित हुए हो या अभी तक नही लगाया है वे लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जा कर अपने बच्चे का टीकाकरण जरूर करवा ले। मौके पर यूनिसेफ एसएमसी, बीएमसी, यूएनडीपी के पदाधिकारी सहित अन्य कर्मी उपस्थित है।

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