किशनगंज : उदीप्तमान भगवान भास्कर को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दी अर्घ्य
नगर परिषद क्षेत्र में 72 घाटों में मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति किए गये थे
किशनगंज, 08 नवंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, उदीप्तमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ शुक्रवार को प्रातः लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा संपन्न हुई। जिलाधिकारी विशाल राज एवं पुलिस अधीक्षक सागर कुमार द्वारा संयुक्त रूप से छठ पर्व पर जिलेवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी और इस त्योहार को शांति एवं सौहार्द से मनाने की अपील की। गौर करे कि इस वर्ष छठ घाटों की संख्या पहले से ज्यादा थी।जिले में कुल 380 घाटों पर छठ पूजा आयोजित हुई। सभी छठ घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। वही नगर परिषद क्षेत्र में 72 घाटों में मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति किए गये थे। कई स्तर पर छठ घाटों पर सुरक्षा थे। भीड़ वाले छठ घाटों में विशेष रूप से निगरानी बरती जा रही थी।शहर में जहां जहां-जहां छठ घाट हैं उसके पास वाली सड़क में शाम एवं सुबह में वाहनों का आवागमन वर्जित कर दिया गया था। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन टीम में एसडीएम लतीफपुर रहमान अंसारी एवं एसडीपीओ गौतम कुमार सहित अन्य अधिकारीगण लगातार सतर्क थे। जिले में देवघाट खगड़ा, राम जानकी घाट, प्रेम पुल, धोबीघाट डेमार्केट, रमजान पुल, गांधी घाट, ओदरा घाट, शिवपुरी छठ घाट बहादुरगंज, बेनी घाट, सहित विभिन्न प्रमुख स्थानों पर उदीप्तमान भगवान भास्कर की उपासना की गई और श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में अर्घ्य दी।इस अवसर पर उमड़ी भीड़ में सभी समुदायों के श्रद्धालुओं ने आस्था प्रकट किया। वैसे भगवान भास्कर के सभी रूपों की पूजा होती जिसमें सबों ने उगते हुए भगवान भास्कर की ही सबने पूजा की है। लेकिन छठी माई की पूजा में उगते एवं डुबते सूर्य की उपासना अपने-आप में महत्वपूर्ण विषय हैं जो लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की महत्ता को दर्शाता है।अब लोग इस पर्व के महत्व को भी जानने लगे हैं। छठ पूजा में आस्था अंधविश्वास नहीं मात्र एक विश्वास है। क्योंकि इस अवसर पर भगवान भास्कर की प्रत्यक्ष की पूजा होती है। जिसमें उगते एवं डुबते दोनों ही स्थितियों में भगवान भास्कर की उपासना होती है। इस अवसर पर छठव्रतियों के द्वारा गत गुरूवार को अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना की गयी और शुक्रवार प्रातः काल उदीप्तमान सूर्य की उपासना की गयी। जिसमें खरना के बाद से छठव्रतियों द्वारा 36 घंटे के निर्जला उपवास की गयी है। प्रकृति पूजन का यह महापर्व है। उल्लेखनीय है कि चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा बीते मंगलवार को नहाय-खाय, बुधवार देर संध्या में खरना, गुरूवार को अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना एवं शुक्रवार प्रातः काल उदीप्तमान सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुई।