ज्योतिष/धर्म

*पंचांग के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 13 मिनट से शुरू हो जाएगी। लेकिन इसी के साथ भद्रा भी लग जाएगी। भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है।*

आचार्य ब्रजेश कुमार मिश्र:-इदं भद्रायां न कार्यम्। भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा । श्रावणी नृपतिं हन्ति ग्राम दहति फाल्गुनी।। इति सङ्ग्रहोक्तेः। तत्सत्वे तु रात्रावपि तदन्ते कुर्यादिति निर्णयामृते । इसको भद्रा में नहीं करना चाहिये। संग्रह ने कहा है कि भद्रा में श्रावणी और फाल्गुनी नहीं करना चाहिये।

*श्रावणी राजा का नाश करती है और फाल्गुनी ग्राम का दहन करती है। उसके (भद्रां बिना चेदपराह्णे तदा परा । तत् सत्त्वे तु रात्रावपीत्यर्थः।) रहने पर तो रात्रि में भी भद्रा के अन्त में करे – यह निर्णयामृत में कहा है।*

*प्रतिपदा युक्त पूर्णिमा में रक्षाबन्धन- विचार इदं प्रतिपद्युतायां न कार्यम्। नन्दाया दर्शने रक्षा बलिदानं दशासु च । भद्रायां गोकुलक्रीडा देशनाशाय जायते ।। इति मदनरत्ने ब्रह्मवैवर्तात् ।*

*इसको प्रतिपदा से युक्त न करे। मदनरत्न ब्रह्मवैवर्तपुराण का मत है कि-नन्दा के दर्शन में रक्षादशा में बलिदान और भद्रा में गोकुल की क्रीडा देश के नाश के लिये होती है।*

*अतः प्रतिपदा युक्त पुर्णिमा में रक्षाबंधन वर्जित है। पूर्णिमा रहते ही रक्षाबंधन कर लेना चाहिए*

*भद्रा का समापन 30 अगस्त को रात्रि के 8 बजकर 57 मिनट पर होगा।*

*अतैव 30 अगस्त को रात्रि भद्रा समाप्ति के बाद 8:57 बजे से 31 अगस्त को सुबह 07:46 तक रक्षाबंधन किया जायेगा।परन्तु कई विद्वानों का मत है उदयातिथि पुर्णिमा होने के कारण 31/08/2023दिन गुरु वार को दिन प्रयंत सुर्यास्त तक बहनों अपने भाई के कलाई पर रक्षासूत्र बांध सकती है*

 

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!