*पत्रकारों ने गठित किया – “राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग”*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, ::पत्रकार समाज की वह आंख और कान है, जो लोकतंत्र के हर कोने से सत्य की आवाज जनता तक पहुंचाती है। लेकिन हाल के वर्षों में पत्रकारों की सुरक्षा, स्वतंत्रता और सम्मान को लेकर अनेक सवाल खड़े हुए हैं। इन्हीं मुद्दों को सशक्त रूप से उठाने और पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए “राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” ने एक अहम कदम उठाया है। हाल ही में, आयोग की एक महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की घोषणा की गई और संगठन के विस्तार की रूपरेखा तय की गई।
बैठक में सर्वसम्मति से राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के सक्रिय और अनुभवी पत्रकारों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। घोषित पदाधिकारियों में प्रमुख नाम हैं निशिकांत राय (राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संस्थापक, मुंगेर, बिहार), सत्य नारायण भट्ट (राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, द्वारका, नई दिल्ली), सुरेश कुमार शर्मा (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जौनपुर, उत्तरप्रदेश), डॉ. प्रो. निशा कुमारी (राष्ट्रीय महासचिव, नई दिल्ली), सुदर्शन कुमार (राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, मंगोलपुरी, नई दिल्ली), लव व्यास (राष्ट्रीय संगठन सचिव, सांताक्रुज, मुंबई), एस. एस. चंदेल (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, जयपुर, राजस्थान), विपिन कुमार राय (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल) और विनय कुमार तिवारी (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, बोकारो, झारखंड)। ये सभी पत्रकार अपने-अपने क्षेत्रों में समाचार पत्र, टीवी चैनल, डिजिटल मीडिया और पत्रिकाओं में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग अब देशभर में पत्रकारों के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर एक संगठित अभियान शुरू करेगा। यह संगठन डॉ. जाकिर हुसैन एजुकेशन ट्रस्ट (रजिस्टर्ड) की इकाई के रूप में कार्य करेगा और पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आवाज़ उठाएगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष निशिकांत राय ने कहा कि आयोग पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि संगठन का विस्तार राज्यों में तेजी से किया जा रहा है और जल्द ही अन्य राज्यों में भी कार्यकारिणी और राज्य इकाइयों का गठन होगा।
राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग की स्थापना का मुख्य उद्देश्य पत्रकारों को एकजुट करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। आयोग ने अपने कुछ प्रमुख लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिसमें पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना- किसी भी प्रकार के दबाव या हमले से पत्रकारों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाना। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग- भारत में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक सशक्त और स्पष्ट कानून बनवाने की दिशा में प्रयास करना। प्रशिक्षण एवं कानूनी सहायता- पत्रकारों के लिए नियमित प्रशिक्षण, कानूनी सलाह और आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराना। बीमा एवं कल्याणकारी योजनाएं- पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य और जीवन बीमा योजनाओं की सुविधा दिलाना। वेब और डिजिटल पत्रकारों को मान्यता- ऑनलाइन मीडिया में काम करने वाले पत्रकारों को पारंपरिक पत्रकारों की तरह सम्मान और पहचान दिलाना। पत्रकारिता की गुणवत्ता और आचार संहिता- पत्रकारिता की निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और सामाजिक जिम्मेदारी को बनाए रखना। सरकार से संवाद- पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार और संबंधित संस्थाओं से सतत संपर्क बनाए रखना।
पत्रकार लोकतंत्र की नींव हैं। वे समाज को सूचित रखते हैं, सत्ता को जवाबदेह बनाते हैं और जनता के अधिकारों की रक्षा करते हैं। लेकिन आज पत्रकारों पर बढ़ते खतरों, आर्थिक असुरक्षा और राजनीतिक दबावों ने उनकी स्वतंत्रता को प्रभावित किया है। ऐसे समय में राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग का गठन लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
यह संगठन न केवल पत्रकारों की एकजुटता को बढ़ावा देगा, बल्कि समाज में स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता की संस्कृति को भी सशक्त करेगा। निशिकांत राय के नेतृत्व में आयोग पत्रकारों की आवाज सरकार और समाज दोनों तक पहुंचाने का कार्य करेगा।
राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग की यह नई कार्यकारिणी पत्रकारिता जगत में एक नई उम्मीद लेकर आई है। जब पत्रकार सुरक्षित होंगे, तभी देश का लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा। आयोग की पहल से न केवल पत्रकारों को संरक्षण और सम्मान मिलेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि पत्रकारिता सत्य, स्वतंत्रता और जनहित के मूल्यों पर कायम रह सके।
यह संगठन आने वाले समय में पत्रकारों के लिए एक मजबूत स्तंभ बनेगा, जहां न केवल उनकी आवाज़ सुनी जाएगी, बल्कि उनके अधिकारों की रक्षा भी की जाएगी।
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