सीमा पर नशे का सौदागर: गलगलिया में एसएसबी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, दो सगे भाई गिरफ्तार

किशनगंज,25जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, भारत-नेपाल सीमा एक बार फिर मादक पदार्थों की तस्करी के गढ़ के रूप में सामने आई है। लेकिन इस बार सुरक्षाबलों की मुस्तैदी ने नशे के सौदागरों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। किशनगंज जिले के गलगलिया थाना क्षेत्र के दरभंगिया टोला गांव में बुधवार की दोपहर एसएसबी 41वीं बटालियन और स्थानीय पुलिस की संयुक्त छापेमारी में भारी मात्रा में संदिग्ध ब्राउन शुगर समेत दो सगे भाइयों की गिरफ्तारी से क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
गुप्त सूचना बनी कार्रवाई की आधारशिला
एसएसबी को खुफिया सूचना मिली कि गलगलिया के दरभंगिया टोला के एक घर में मादक पदार्थ की खरीद-बिक्री का गोरखधंधा चल रहा है। सीमा की संवेदनशीलता और सूचना की गंभीरता को देखते हुए एसएसबी ने तत्परता दिखाते हुए गलगलिया थानाध्यक्ष राकेश कुमार से समन्वय कर एक विशेष टीम गठित की। फिर शुरू हुआ एक सघन ऑपरेशन।
तलाशी में मिले नशे के साथ दौलत के संकेत
संयुक्त छापेमारी में मोहम्मद जुनैद के घर से 260 ग्राम संदिग्ध ब्राउन शुगर के साथ ₹42,190 भारतीय करेंसी, ₹52,740 नेपाली करेंसी, 393 ग्राम चांदी, 29 ग्राम सोना और दो इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन जब्त की गईं। ये सभी चीजें न सिर्फ तस्करी की पुष्टि करती हैं, बल्कि यह भी संकेत देती हैं कि सीमा पार के नेटवर्क से इस घर का कोई गहरा संबंध था।
गिरफ्तारी और अगली कार्रवाई
घर से मोहम्मद इकबाल और मोहम्मद सोनू – दोनों सगे भाई और मोहम्मद जुनैद के पुत्र को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ के बाद एसएसबी ने उन्हें सभी जब्त सामग्रियों के साथ गलगलिया पुलिस के हवाले कर दिया। एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
टीमवर्क बनी सफलता की कुंजी
इस कार्रवाई में गलगलिया थाना के थानाध्यक्ष राकेश कुमार, एसआई किरण कुमारी, चौकीदार विनोद कुमार राय, सुमन कुमार, गोपाल कुमार, रोशन नोनिया और एसएसबी के एएसआई भागवत सिंह समेत अन्य जवानों की अहम भूमिका रही। यह सफलता न केवल कानून-व्यवस्था की मजबूती दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि सुरक्षा बलों का आपसी तालमेल सीमा पार अपराधों के खिलाफ सबसे प्रभावशाली हथियार बन सकता है।
गौर करे कि भारत-नेपाल सीमा वर्षों से तस्करों के लिए एक आसान रास्ता रही है, लेकिन इस घटना ने साबित कर दिया है कि अब यह रास्ता उतना आसान नहीं। जब सुरक्षा एजेंसियाँ एकजुट होती हैं, तो नशे की दुनिया का किला भी ढह सकता है।