ED की दबिश के बाद गरमाई झारखंड की राजनीति, रांची के मोरहाबादी में उमड़े JMM कार्यकर्ता
केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करना बंद करें नहीं तो होगा उलगुलान : मुश्ताक आलम
रांची : जमीन से जुड़े मामले में पूछताछ करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम 29 जनवरी की सुबह 7 बजे जैसे ही राजधानी दिल्ली स्थित हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंची, झारखंड की राजनीति गरमा गई। सूचना मिलते ही मोरहाबादी मैदान में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकर्ताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया जो कि आक्रोश मार्च में तब्दील हो गया। कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी और केंद्र सरकार हाय हाय…के नारे लगाने लगे। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से ED की दबिश के कारण पूर्व से ही JMM कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन 29 January को दोबारा कार्रवाई की सूचना पर राजधानी व आसपास के जिलों से JMM कार्यकर्ताओं का हुजूम मोरहाबादी मैदान में उमड़ पड़ा। सभी कार्यकर्ता हाथों में पार्टी का झंडा लिए नारेबाजी कर अपना विरोध जता रहे थे। आक्रोश मार्च मोरहाबादी मैदान से दिशोम गुरू आवास, सिद्धो कान्हू पार्क, राम मंदिर, हाट लिप्स चौक, मछली घर, सैनिक चौक, कचहरी चौक होते हुए राजभवन पहुंचा, जहां वक्ताओं ने अपना विरोध जताया। यह आक्रोश मार्च मोरहाबादी मैदान से रांची जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम के नेतृत्व में निकाला गया। उन्होंने केंद्र सरकार के विरोध में कहा कि सरकार स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करना बंद करें वरना केंद्र सरकार के खिलाफ उलगुलान होगा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत JMM ने राज्य की जनभावनाओं के अनुरूप सभा का आयोजन किया है।
चाक चौबंद रही सुरक्षा व्यवस्था :
JMM कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के साथ ही कानून व्यवस्था को ले Ranchi में चौकसी बढ़ा दी गई है। मोरहाबादी मैदान से लेकर राजभवन तक चप्पे चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी। खासकर सीएम (CM) आवास के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए। ED द्वारा नया समन जारी किए जाने के बाद हेमंत सोरेन अचानक दिल्ली पहुंचे थे। जिसके बाद ईडी की कार्रवाई के विरोध में जेएमएम कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए हैं। सीएम आवास के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। सोमवार को सीएम के दिल्ली आवास पर ईडी की छापेमारी के बाद सुबह से ही समर्थक सड़कों पर उतर आए। पूरे शहर में पुलिस बलों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है।
सीएम को प्रताड़ित करना बंद करो। कार्रवाई के नाम पर केवल सीएम को परेशान किया जा रहा है। केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करना बंद करें। केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान कर रही है। इससे पूर्व भी 20 जनवरी को साढ़े 7 घंटे तक पूछताछ की गई, आखिर ऐसा कौन सा सवाल है जो ईडी अब तक हेमंत सोरेने से पूछ नहीं पाई है। कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है।
: मुश्ताक आलम, जिलाध्यक्ष, झामुमो।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत 27 जनवरी से मशाल जुलूस के अलावे प्रदर्शन किया जा रहा है। यह सिलसिला 31 जनवरी तक मोरहाबादी मैदान में जारी रहेगा। जब तक केंद्र सरकार बेवजह मुख्यमंत्री को परेशान करना बंद नहीं करेगी, हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा।
: हेमलाल कुमार मेहता, जिला सचिव, झामुमो
केंद्र सरकार जान बूझकर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। बार बार समन भेजकर आखिर साबित करना चाह रही है। जब पूर्व में पूछताछ हो चुकी है तो बार बार समन भेजकर केंद्र सरकार व केंद्रीय एजेंसियां परेशान करने के अलावे कुछ नहीं कर रही है।
: रामानंद बेदिया, उपाध्यक्ष, झामुमो।
आक्रोश मार्च में ये रहे शामिल :
आक्रोश मार्च में रामगढ़ जिलाध्यक्ष विनोद किस्कु, जिला सचिव विनोद महतो, केंद्रीय सदस्य राजकुमार महतो, गढ़वा जिलाध्यक्ष तनवीर आलम, सचिव मनोज ठाकुर, खूंटी जिलाध्यक्ष जुबैर आलम, सचिव गुलशन मुंडा, सिमडेगा जिलाध्यक्ष अनिल कंडुलना, सचिव सफिकुल अंसारी, रांची जिला सचिव डा. हेमलाल कुमार मेहता हेमू, रांची से केंद्रीय सदस्य समनूर मंसूरी, सुशीला एक्का, अफरोज अंसारी, जिला उपाध्यक्ष अश्विनी शर्मा, कलाम आजाद, रामानंद बेदिया, संगठन सचिव आदिल इमाम, प्रवक्ता अरविंद सिंह देवल, संयुक्त सचिव सुकुआ मुंडा, सुजीत उपाध्याय, आफताब आलम, अफरोज आलम, अरुण वर्मा, जीत गुप्ता, कुडुस अंसारी समेत, कैथरीना तिर्की, संजय राय, विक्रम सिंह, विश्वजीत भट्टाचार्य, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष नयन तारा उरांव, उपाध्यक्ष राखी देवी, कोषाध्यक्ष उषा उरांव, महानगर अध्यक्ष संध्या गुड़िया, संगठन सचिव राधा हैम्ब्रम समेत सैकड़ों की संख्या में झामुमो कार्यकर्ता शामिल रहे।