झारखण्ड:- 2 दारोगा गिरफ्तार “पैसा लाये हो तो बैग में रख दो” …. थाने में ही दारोगा जी सोते-सोते ले रहे थे घूस…. दूसरे की मिठाई खाते वक्त दुकान से हो गई गिरफ्तारी…एक ही दिन में 2 दारोगा रिश्वत लेते अरेस्ट….

रिपोर्ट:- राहुल कुमार राय।धनबाद: झारखंड में ACB की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बावजूद रिश्वतखोरी का प्रकरण थमता नजर नहीं आ रहा है। आये दिन प्रदेश के अलग-अलग जिलों से रिश्वतखोरो की गिरफ्तारी का क्रम जारी है। इसी दौरान धनबाद में एसीबी की टीम ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ही दिन में 2 दारोगा को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पहला मामला सरायढेला थाना क्षेत्र का था, जबकि दूसरा मामला लोयाबाद थाना क्षेत्र का है। धनबाद एसीबी ने दारोगा को लोयाबाद थाना से ही घूस लेते गिरफ्तार किया। लोयाबाद दरोगा दशरथ साहू 10000 रूपये रिश्वत ले रहा था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी दरोगा को ACB अपने साथ ले गई है।
आरोप है कि लोयाबाद के रहने वाले पिंटू यादव नाम के व्यक्ति का केस से नाम हटाने के नाम पर 20,000 रिश्वत मांगा गया था। रिश्वत की रकम 10,000 पर बात हुई थी। इसी बीच पिंटू ने इसकी शिकायत ACB से कर दी। शिकायत सही पाने पर दारोगा को पकड़ने का जाल बिछाया गया। शिकायतकर्ता पिंटू यादव सोमवार को थाना पहुंचा था।
इस दौरान दरोगा दशरथ साहू अपने रूम में आराम कर रहे थे, पिंटू ने बताया कि वह पैसे लेकर आया है, तो दारोगा ने कहा कि पैसे को वो बैग में डाल दे। पिंटू ने 10,000 रूपये बैग में डाल दिए और कमरे से निकलते ही ACB की टीम दारोगा को पकड़ लिया। हालांकि जब ACB की टीम ने दारोगा का हाथ धुलाया तो रंग नहीं निकला, क्योंकि उसने पैसा छुआ नहीं था, हालांकि बैग से पैसा जरूर बरामद हो गया।
जानकारी के मुताबिक पिंटू यादव पर जो केस बना था, उसमें दशरथ साहू जांच अधिकारी थे। पिंटू यादव को लगातार यह कहकर परेशान किया जा रहा था कि केस में तुम्हारा नाम है और तुम्हारी कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। दरोगा 3 माह पहले बैंक मोड़ थाना से यहां ट्रांसफर होकर आया था, गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम दरोगा को अपने साथ लेकर गई है और जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी कर जेल भेजने की तैयारी में जुटी है।
उधर लोयाबाद थाना प्रभारी की गिरफ्तारी हुई तो कुछ मिनट बाद ही सरायढेला में भी दरोगा को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया गया। सरायढेला थाना प्रभारी को 6000 रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। सरायढेला के गिरफ्तार थाना प्रभारी का नाम राजेंद्र ऊराव है जो डायरी लिखने के नाम पर शिकायतकर्ता से 10 हजार मांग रहा था।