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जदयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि नीतीश कुमार जितने बड़े प्रशासक हैं उतने ही बड़े समाज सुधारक भी हैं ।
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ऋषिकेश पांडे/ जातिवादी राजनीति की गिरफ्त में कराहते बिहार में शराबबंदी, बाल विवाह, दहेज प्रथा और पर्यावरण जैसे मुद्दों के आधार पर भी राजनीति की दिशा तय की जा सकती है यह नीतीश कुमार ने ही सिखाया और ऐसा करके नीतीश कुमार ने जातिवादी राजनीति करनेवाले नेताओं को आईना भी दिखाया । नीतीश कुमार को यूं ही विजनरी शासक नहीं कहा जाता है । बिहार की राजनीति को सड़े गले एजेंडे से बाहर निकालकर रचनात्मक मुद्दों पर आधारित करने का प्रयास ऐसा कदम है जिसके लिए बिहार की राजनीति सदैव नीतीश कुमार की ऋणी रहेगी ।