राजनीति

‘पार्टी विद डिफरेंस’ है जनता दल (यूनाईटेड), यहां साधारण कार्यकर्ता भी पा सकता है ऊंचा पद: जद (यू)

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –जद(यू) प्रदेश कार्यालय में पार्टी प्रदेश प्रवक्ता श्री अभिषेक झा और प्रदेश प्रवक्ता श्री हिमराज राम ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान दोनों प्रवक्ताओं ने नई दिल्ली में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान राज्यसभा सांसद श्री संजय झा जी को पार्टी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर उन्हें बधाई दी।

पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि श्री संजय झा जी का राजनीतिक जीवन लंबा रहा है और बतौर मंत्री और विधानपार्षद संजय झा जी ने पार्टी में बड़े पदों पर अपनी भूमिका कुशलता पूर्वक निभाई है। उन्होंने कि श्री संजय झा जी ने लंबे समय से जद(यू) में सक्रिय रोल अदा किया है और जब-जब पार्टी को जरुरत पड़ी है उन्होंने वहां अपनी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शन में पार्टी हमेशा आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी उनपर इतना भरोसा करते हैं और उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है।

पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि जिस पार्टी आरजेडी को केवल अपना परिवार दिखाई देता है आज वो पार्टी श्री संजय झा जी को लेकर झूठ फैलाने में लगी है। उन्होंने कहा कि जद(यू) कार्यकर्ताओं की पार्टी है और इस पार्टी में कोई भी साधारण कार्यकर्ता ऊंचा पद पा सकता है। आरजेडी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि मुद्दे के अभाव में आरजेडी जान बूझकर उनके खिलाफ झूठ फैलाने में लगी है।

पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की जद(यू) की पुरानी मांग रही है और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब यूपीए सरकार में आरजेडी किंगमेकर की भूमिका में थी तो उस दौरान उन्हें बिहार के लिए विशेष दर्जे की याद क्यों नहीं आयी। उन्होंने कहा कि दरअसल आरजेडी ने कभी भी बिहार के हित की राजनीति नहीं की बल्कि अपने स्वार्थ की राजनीति की।
पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की बदौलत राज्य में जाति आधारित गणना का काम सफलतापूर्वक हो सका। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने सभी दलों का साथ लेकर राज्य में जाति आधारित गणना कराने का काम करवाया और गणना के बाद आबादी के अनुरूप समुदायों को उनका हक देने का काम किया है।

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