जमशेदपुर, टाटा स्टील की क्षमता 20 मिलियन टन से बढ़कर 40 मिलियन टन होगा, एमडी टीवी नरेंद्रन ने निवेश के लिए बनायी यह नयी योजना।

तारकेश्वर गुप्ता : जमशेदपुर , टाटा स्टील की क्षमता को दोगुना किया जा रहा है. 20 मिलियन टन के उत्पादन की क्षमता को टाटा स्टील बढाकर 40 मिलियन टन करने जा रही है. इसको लेकर नये सिरे से निवेश का रास्ता भी साफ किया जा रहा है. सही तरीके से सही निवेश किया जाये और टाइमबांड तरीके से काम पूरा किया जाये, इसकी व्यवस्था खड़ी की गयी है. टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने तीन तरह की कैटेगोरी बनायी है. कैपिटल एक्सपेंडिचर कमेटी के अलावा बिजनेस यूनिट पियर रिव्यू ग्रुप के गठन की तरह ही फ्रंट एंड लोडिंग को अपनाने को कहा गया है, जो वैश्विक स्तर पर मान्य प्रैक्टिस है. 2015 में इसको पहले लागू किया गया था, लेकिन बाद में चलकर इस प्रोसेस को अपनाना बंद कर दिया. अब नये सिरे से तीन श्रेणी में इनवेस्टमेंट किया जायेगा. इसके तहत कंपनी की ओर से पहले इनवेस्टमेंट कहां किया जाना है, इस पर विस्तार से चर्चा की जायेगी।
इसके बाद इसके अन्य प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समय निर्धारित किया गया है. इसके तहत 8000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश की प्रक्रिया यानी इसकी उपयोगिता का स्टडी का काम 9 से 13 माह में पूरा करना है. वहीं, 13 से 15 माह में फ्रंट एंट इंजीनियरिंग डिजाइन को पूरा किया जाना है. वहीं, एक हजार से 8 हजार करोड़ रुपये के निवेश के लिए 7 से 10 माह फिजिबिलिटी स्टडी और 8 से 11 माह तक में फ्रंट एंट इंजीनियरिंग डिजाइन को पूरा करना है. 700 से 1000 करोड़ रुपये तक का निवेश के लिए 6 से 8 माह में फिजिबिलिटी रिपोर्ट जबकि 7 से 9 माह में फ्रंट एंट इंजीनियरिंग डिजाइन का काम पूरा करना है. 700 करोड़ रुपये से नीचे के प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट 3 से 5 माह में पूरा करना है जबकि 4 माह में फ्रंट एंट इंजीनियरिंग डिजाइन पूरा करने का आदेश जारी किया गया है. पहले चरण को पूरा करने के लिए वार्षिक कैपिटल निवेश प्लान को पूरा करना है जबकि सीइसी का अप्रुवल का दूसरे चरण में जबकि तीसरे चरण को पूरा करने के लिए बोर्ड से मंजूरी लेना अनिवार्य किया गया है।