‘‘ग्रामीण क्षेत्रों में जल-जीवन-हरियाली अभियान का क्रियान्वयन‘‘ विषय पर वर्ष के प्रथम मंगलवार 02 जनवरी 2024 को ज्ञान भवन, पटना में जल-जीवन-हरियाली दिवस का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन श्री श्रवण कुमार, माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया गया ।
त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-जल-जीवन-हरियाली मिशन का आरंभ 02 अक्टूबर 2019 को हुआ था। इस अभियान में कुल 11 अवयव क्रियान्वयन हेतु चिन्हित किये गये हैं, जिन्हे राज्य के 15 विभागो के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है । अभियान के जागरूगता हेतु प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली दिवस का आयोजन किया जाता है । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग ने पौधों को जलार्पण कर कार्यक्रम का शुभांरभ किया । कार्यक्रम के दौरान सभा में उपस्थित अतिथियों का स्वागत उपमिशन निदेशक, श्री राम कुमार पोद्दार द्वारा पौधा देकर स्वागत किया गया ।
इस अवसर पर जल-जीवन-हरियाली मिशन के मिशन निदेशक, श्री राहुल कुमार ने बताया। 18,114 सार्वजनिक जल संरचनाओं को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है, वहीं अतिक्रमण से मुक्त सार्वजनिक कुँओं की संख्या 11,208 है । जीर्णोंद्धार किये गये सार्वजनिक पोखरों/तालाबों और आहरों एवं पईनों की संख्या 81,786 हैं । 34,456 सार्वजनिक कुँओं का जीर्णोंद्धार किया जा चुका है । मिशन निदेशक ने बताया कि अभियान के अंतर्गत सोख्ता का निर्माण किया जा रहा है। सार्वजनिक चापकलों और कुँओं के किनारे अबतक 1,71,005 सोख्ता का निर्माण किया जा चुका है । अभियान के अंतर्गत 11,788 चेक डैम का निर्माण, 50,747 नये जल स्त्रोतों का सृजन और 13,647 सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन का कार्य किया गया है ।
डॉ0 एन0 सरवण कुमार, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान को पूरी दुनिया के पर्यावरण हित में आवश्यक बताया। उन्होने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रति जन-जागरूकता में और अधिक प्रसार करने हेतु सभी संबंधित विभागों द्वारा और अधिक बड़े पैमाने पर प्रयास किया जाय। इसके लिए वरीय पदाधिकारियों एवं मंत्रीगण से भी मार्गदर्शन एवं सहयोग लिया जाय । उन्होने इस कार्यक्रम के माध्मय से यह भी संदेश दिया कि आम जन की सहभागिता और अधिक बढ़ायी जाय ।
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्री श्रवण कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से बेचैन पूरी दुनिया को जल-जीवन-हरियाली के माध्यम से बिहार ने नयी दिशा दी है । उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने जब पहली बार बिहार की सत्ता संभाली थी तो उस समय बिहार का हरित परत मात्र 9 प्रतिशत था जो अब बढ़ कर 16 प्रतिशत से भी अधिक हो गया है । राज्य के हरित परत को राष्ट्रीय औसत 33 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है । आज मौसम का मिजाज इस कदर बदला है कि इसका कुप्रभाव मानव जीवन, फसल, जीव-जन्तु, नदी नालों एवं अन्य प्राकृतिक चिजों पर भी पड़ रहा है । हम हरियाली परत को बढ़ाकर ही इसकी भरपाई कर सकते हैं जिसके लिए पौधारोपण को हमें अधिक से अधिक बढ़ाना होगा । माननीय मुख्यमंत्री जी का कहना है कि इस अभियान में जल एवं हरियाली के बीच जीवन है । जब जल और हरियाली होगी तभी हमारा जीवन सुरक्षित रह सकता है । पौधारोपण के दिशा में सरकार के सभी संबंधित विभागों द्वारा हरसंभव कार्य किये जा रहे हैं । आम जनता ने भी इस दिशा में अपनी अभिरूचि दिखाई है । जल-जीवन-हरियाली के समर्थन में लगभग 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने एक साथ खड़े होकर 18 हजार किलोमीटर की लम्बी मानव श्रृंखला बनाई ।
इस कार्यक्रम में निदेशक भूमि संरक्षण, श्री वेंकेटेश नारायण सिंह, मुख्य वन संरक्षक सुरेन्द्र सिंह, लधु जल संसाधन विभाग की सचिव डॉ0 आशिमा जैन, निदेशक चकबंदी, भूमि एवं राजस्व विभाग के दयानिधान पाण्डेय ने भी अपने विचार व्यक्त किया । जीविका की लाभार्थी आरती देवी एवं पुष्पा देवी ने अपना अनुभव साझा किया इनके अतिरिक्त मनरेगा के लाभार्थी किसान विपिन बिहारी सिंह एवं सुरेश प्रसाद सिंह ने भी अपना अनुभव बताया। धन्यवाद ज्ञापन मनरेगा आयुक्त, संजय कुमार ने किया ।