साक्षात्कार।….

पटना डेस्क:-साक्षात्कार एक ऐसा खेल हैं जिसके माध्यम से भ्रष्टाचार को
जन्म व पालनपोषण किया जाता हैं। चाहे आईएएस हो या
जज या पुलिस, किसी भी बड़ी से बड़ी परीक्षा को पास करने
के बाद, जब साक्षात्कार की बारी होती हैं, “” तब आपके
पास संदेश को इसप्रकार पहुँचाया जाता हैं जिसकी
रिकॉर्डिंग या प्रमाण सम्भव नहीं होता “” तब पोस्टिंग के नाम
पर पैसा लेना सामान्य बात हैं। व्यापम जैसे घोटाले इसी की
देन हैं। जब कोई भी व्यक्ति, मजबूर होकर, इस भ्रष्ट व्यवस्था
की भेंट चढ़ता हैं तो फिर वह अपने द्वारा लगाए गए पैसे की
वसूली भी करता हैं, जिससे भ्रष्टाचार बढ़ता हैं क्योंकि जैसा
बीज होगा वैसा ही फल बनेगा। जब किसी व्यक्ति ने अपनी
बुद्धिमत्ता को प्रमाणित करने के लिए, सभी प्रकार की
परीक्षाएं उत्तीर्ण कर ली हैं, तो केवल उसके रिश्वत देने के
स्तर को पता लगाने के लिए साक्षात्कार लिया जाता हैं ???
साक्षात्कार लेने के पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या हैं ??
अलग अलग घोटालों या फिल्मी कहानियों द्वारा, यह बात
उजागर होती रहती हैं, लेकिन इसके प्रति कभी आमजनता
मुखर होकर विद्रोह नहीं करती। बिना अधर्म का साथ
दिए, अधर्म फलता फूलता नहीं हैं। विजय सत्य की ही होगी।