नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं।सोमवार को उन्होंने एक मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का इनॉगरेशन किया।यही नहीं एयरपोर्ट जाते वक्त मोदी ने रास्ते में अपना काफिला रुकवा कर एक 4 साल की बच्ची से भी मुलाकात की।बच्ची से उन्होंने पूछा-कौन सी घड़ी पहने हो ? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी ने सूरत में कई प्रोग्राम में हिस्सा लिया।इसी दौरान एयरपोर्ट के रास्ते में नैंसी गोंडालिया नाम की बच्ची सड़क पर आ गई।वह मोदी से मिलना चाहती थी।पहले अफसरों ने नैंसी को सड़क से दूर हटा दिया।इसी बीच कार की फ्रंट सीटपर बैठे मोदी की नजर नैंसी पर पड़ गई और उन्होंने उसे पास बुला लिया।मोदी ने बच्ची से पूछा-कौन सी घड़ी पहने हो।नैंसी के परिजन ने बताया,नैंसी सुबह से तैयार हो गई थी।वह मोदी दादा से मिलने की जिद कर रही थी।हम उसे लेकर सर्किट हाउस भी गए थे लेकिन वहां वह नहीं मिल पाई।पीएम ने उसे आशीर्वाद भी दिया।मोदी ने कहा-जो काम आप हाथ में लें उसे
पूरा करने की जिम्मेदारी भी लें।आज इस हॉस्पिटल का लोकार्पण हो रहा है।मैंने कहा था कि शिलान्यास कर रहा हूं,न उद्घाटन भी मैं ही करूंगा।आज मैं इसे कर पाया।इसे मेरा घमंड माना गया था, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता था।कहने का मतलब हरेक की जिम्मेदारी होनी चाहिए।तभी काम पूरे हो सकेंगे।मोदी ने कहा-सबकी नजर में मैं प्रधानमंत्री बन गया हूं।लेकिन सूरत इसका अपवाद है।यहां प्रधानमंत्री वाला टैग कहीं नजर नहीं आता।यहां के परिवारभाव ने कभी न कभी मेरी चिंता की है।इससे बड़ा कोई सौभाग्य नहीं होता।पद से कोई बड़ा नहीं होता।मोदी ने कहा, ये अस्पताल पैसों से नहीं परिवार भाव और परिश्रम से बना है।मैं श्राप देता हूं कि किसी को यहां न आना पड़े।और अगर कोई मरीज यहां आए तो मजबूत बनकर जाए।आज मध्यम वर्ग के घर में कोई बीमार हो जाए तो वो बाकी काम नहीं कर पाता। न बेटी की शादी कर पाता है और न ही घर ले पाता है।ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है,सबको लाभ मिले।अटलजी की सरकार के बाद हमारी सरकार हेल्थ पॉलिसी लेकर आई है।कंपनियां इंजेक्शन-दवाइयों को महंगा बेच रही थीं।करीब 700 दवाओं की कीमतें कम हुई हैं।हार्ट की बीमारियों में स्टेंट की जरूरत पड़ती है।40 हजार के स्टेंट की कीमत 6-7 हजार में बेचना पड़ेगा ताकि गरीब को दिक्कत न हो।लोगों को सस्ती दवा मिले,इसके लिए भी काम कर रहे हैं।डॉक्टर जेनरिक दवाएं लिखें,इसके लिए कानून बनेगा।