स्वच्छ वायु, स्वस्थ जीवन: सदर अस्पताल परिसर में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस
जन-जागरूकता से ही रुकेगा वायु प्रदूषण, विशेषज्ञों ने दिए उपयोगी सुझाव

किशनगंज,08सितम्बर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, विश्वभर में 7 सितम्बर को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण के खतरे से लोगों को अवगत कराना और इसके बचाव के उपायों को जन-जन तक पहुंचाना था।
कार्यक्रम में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. उर्मिला कुमारी, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन समेत अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारियों ने भाग लिया।
“स्वच्छ हवा ही दीर्घायु का आधार” – डॉ. उर्मिला कुमारी
डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा कि वायु प्रदूषण एक मूक हत्यारा बन चुका है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह और भी अधिक खतरनाक है। उन्होंने वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों – जैसे कि धूम्रपान, कचरे का जलाना, खुले में खाना पकाना, और वाहन प्रदूषण – पर चर्चा की। उन्होंने लोगों से पेड़ लगाने, वाहनों के सीमित उपयोग और स्वच्छ ईंधन के प्रयोग की अपील की।
“स्वास्थ्य और विकास के लिए जरूरी है स्वच्छ वातावरण” – डॉ. अनवर हुसैन
डॉ. अनवर हुसैन ने कहा कि वायु प्रदूषण केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास को भी प्रभावित करता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण श्वसन संबंधी रोगियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्कूलों और स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि समय रहते इस समस्या को रोका जा सके।
“रोगों से बचाव में जनभागीदारी जरूरी”
डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि भारत में वायु प्रदूषण से हर साल लाखों लोगों की असमय मृत्यु होती है। भारत वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों में अस्थमा, निमोनिया, और प्रिमेच्योर डिलीवरी जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक आम लोग स्वयं आगे आकर प्रदूषण रोकने में भागीदारी नहीं निभाएंगे, तब तक इसका स्थायी समाधान संभव नहीं है।
क्या करें:
- घर के आस-पास अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाएं।
- सार्वजनिक परिवहन, साइकिल और पैदल चलने को प्राथमिकता दें।
- कचरा जलाने की बजाय उसका उचित निस्तारण करें।
- खाना पकाने में एलपीजी/स्वच्छ ईंधन का प्रयोग करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से यथासंभव दूर रखें।
क्या न करें:
- फसल अवशेष या कचरा न जलाएं।
- अनावश्यक रूप से वाहन न चलाएं।
- धूम्रपान और तंबाकू सेवन से बचें।
- खुले में प्लास्टिक या रबर न जलाएं।
- गंदगी न फैलाएं, नियमित सफाई रखें।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. उर्मिला कुमारी ने सभी से अपील की कि स्वच्छ वायु का अधिकार सबका है, लेकिन इसकी रक्षा की जिम्मेदारी भी हम सभी की है। यदि हर नागरिक जागरूक हो जाए, तो “नीला आसमान और स्वच्छ हवा” का सपना दूर नहीं।