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पुलिस महानिदेशक बिहार की अध्यक्षता में अन्तरप्रभागीय बैठक तथा सभी क्षेत्र/जिलों के वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग।..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ बिहार पुलिस मुख्यालय में श्री आलोक राज, पुलिस महानिदेशक, बिहार की अध्यक्षता में अन्तरप्रभागीय बैठक तथा सभी क्षेत्र/जिलों के वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समीक्षात्मक बैठक की गयी एवं विधि-व्यवस्था संधारण एवं अपराध नियंत्रण के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। साथ ही आगामी पर्व-त्योहारों को लेकर पुलिस की तैयारियों पर भी चर्चा की गयी।

सर्वप्रथम पुलिस महानिदेशक के द्वारा बैठक को संबोधित करते हुए कहा गया कि विधि-व्यवस्था संधारण एवं अपराध नियंत्रण हेतु 05 बिन्दुओं पर काम करने की आवश्यकता है:-Prevention, Prediction, Detection, Prosecution and Perception. आपराधिक घटनाओं का Prevention जरूरी है। यदि घटनाएं घट जाती हैं तो उनका शीघ्र Detection करना होगा। अपराधियों में कानून का भय उत्पन्न करने हेतु जरूरी है कि उन्हें कानूनी रूप से सजा दिलवायी जाये। आगे उन्होंने बताया कि आपराधिक घटनाओं में कमी आयी है तथा इसको लेकर लोगों का Perception बदलने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने जिलों के पुलिस अधीक्षक सहित सभी पदाधिकारियों को लीडरशिप की भूमिका निभाने का निर्देश दिया। अपने कनीय पदाधिकारियों की Mentoring पर भी उन्होंने बल दिया।

साथ ही उन्होंने सरकार की प्राथमिकताओं के आधार पर बिहार पुलिस के पदाधिकारियों के लिए निम्न बिन्दुओं पर Focused apporoach के तहत् काम करने पर बल दियाः-

* साम्प्रदायिक हिंसा एवं घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी। आगामी पर्व-त्योहारों को लेकर सतत् निगरानी एवं अनुश्रवण की आवश्यकता है।

* गंभीर अपराध के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करनी होगी। लाइसेंसी / गैर लाइसेंसी हथियारों का प्रदर्शन, हर्ष फायरिंग, चैन स्नेचिंग, बाइकर्स गैंग इत्यादि पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि आमजनों में सुरक्षा की भावना मजबूत हो।

* पेशेवर अपराध यथा-लूट, डकैती, रंगदारी, अपहरण इत्यादि पर प्रभावकारी अंकुश लगाते

हुए सजा दिलवाने की जरूरत है।

* संगठित अपराध, साइबर अपराध, भू-माफिया, शराब एवं बालू माफिया इत्यादि पर भी अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

* आमजनों में पुलिस के प्रति विश्वास बनाये रखने के लिए आवश्यक है कि जन शिकायतों पर अविलम्ब कार्रवाई करते हुए उन्हें कृत कार्रवाई से अवगत कराया जाय। इसके लिए पुलिस महानिदेशक कार्यालय में आनेवाले लगभग 40-50 व्यक्तियों से प्रतिदिन वे स्वयं मिल रहे हैं तथा उनकी समस्याओं को दर्ज किया जा रहा है। जिला के पुलिस पदाधिकारी को उक्त सभी समस्याओं के अनुवर्ती कार्रवाई हेतु भेजी जा रही है। जिला के

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