केंद्र में एनडीए की सरकार बनते ही महँगाई बेकाबू।…

कुणाल कुमार/पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि केंद्र में एनडीए की तीसरी बार सरकार बनते ही महँगाई बेकाबू हो गई है। आम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने लगी है। खानेपीने की चीजों की कीमतें बढ़ने से आम लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि मई में थोक महंगाई पिछले पंद्रह महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गई। अब यह 2.61 फीसद पर है, जबिक अप्रैल में यह 1.26 फीसद थी। थोक महंगाई पिछले तीन महीने से लगातार बढ़ रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का कहना है कि खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे तेल और गैस तथा अन्य विनिर्माण उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से इस वर्ष मई में थोक महंगाई बढ़ी। खासकर सब्जियों की थोक कीमतों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई। सब्जियों की थोक महंगाई दर 32.42 फीसद रही। प्याज की थोक महंगाई दर 58.05 फीसद और आलू की 64.05 फीसद दर्ज की गई। खाने-पीने की चीजों की कीमतों में असंतुलन की बड़ी वजह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार है। बाहर से दालों, फलों, खाद्य तेल आदि पर आयात शुल्क घटा या हटा देने की वजह से घरेलू जिन्स की जगह विदेशी चीजें थोक बाजार में अधिक पहुंचने लगी हैं। वैसे खाद्य वस्तुएं जो अपने यहां जरूरत से अधिक पैदा हो रही हैं, उसका घरेलू बाजार में खपत बढ़ाने पर जोर देने के बजाय विदेशी वस्तुओं की आवक क्यों बढ़ाई जाती है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार महँगाई रोकने में पूरी तरह विफल है। इस सरकार की तीसरी बार सत्ता में आने से लोगों की और मुश्किलें बढ़ेगी।