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ठाकुरगंज : जिले के ठाकुरगंज ईंट भट्ठा में पांच साल में कभी कुदरत की कहर तो कभी मानवीय भूल की वजह से आधा दर्जन प्रवासी मजदूर असमय समा गए काल के गाल में।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, पश्चिम बंगाल के कूचबिहार व आसपास इलाकों से बड़ी संख्या में मजदूर रोजगार की तलाश में सीमावर्ती जिला किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड सहित जिले केदूसरे प्रखंड केईंट भट्ठा पहुंचते हैं। जहां इन्हें रोजगार तो मिल जाता है लेकिन कई बार ईंट भट्ठा में हुए हादसों की वजह से इन प्रवासी मजदूरों की जान भी चली जाती है। कभी कुदरत की कहर तो कभी मानवीय भूल की वजह से दिन रात मेहनत कर परिवार चलाने वाले इन मेहनतकश मजदूरों को असमय ही काल केगाल में समा जाना पड़ता है। किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के ईंट भट्ठा में अब तक कई ऐसी घटना घटी है जिसमें अब तक लगभग आधा दर्जन प्रवासी मजदूरों की मौत हो चुकी है। अब तक हुए हादसों में यह देखा गया है कि किसी की लापरवाही की वजह से ईंट भट्ठा में कार्यरत प्रवासी व स्थानीय मजदूरों की जान जाती रही है। मजदूरों की मौत के बदले इंसाफ की लड़ाई लड़ने वाला कोई नहीं आगे आता है। हालांकि दूसरी सच्चाई ये भी है कि मामले में मृतक मजदूर परिवार की ओर से थाना में किसी के खिलाफ कोई आवेदन/शिकायत नहीं देने की वजह से पुलिस आगे की कार्रवाई नहीं कर पाती है। गौरतलब हो कि 17 अप्रैल 2022 रविवार की सुबह सुखानी थाना क्षेत्र के भेलागुरी गांव स्थित एक ईट भट्ठा में कार्य कर रहे दो मजदूर एक खड़ी ईंट की दीवार गिरने से दब गए जिसमें दोनों मजदूर जोगेन बर्मन (50) व मजदूर मजनू शेख की असमय ही मौत हो गई। दोनों मृतक मजदूर पश्चिम बंगाल के कूचबिहार दिनहाटा के रहने वाले थे। इस मामले में भी सोमवार तक मृतक मजदूर परिवार के परिजनों द्वारा संबंधित थाना में किसी के खिलाफ कोई आवेदन नहीं दिया गया था। हालांकि संबंधित थानाध्यक्ष ने कहा है कि मृतक परिवार द्वारा आवेदन मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं बच्चे भी ईंट भट्ठा में हादसों के शिकार होते रहे हैं।

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