अभाविप (ABVP) के आठ दशकों की यात्रा में राष्ट्रीय व समाज विरोधी ताकतों को रोकने का कार्य अनवरत जारी
देश की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाएं रखने के लिए प्रयत्नशील है विद्यार्थी परिषद, अभाविप की 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव कार्यक्रम का किया आयोजन
रांची : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) झारखंड प्रदेश के द्वारा हरमू रोड स्वागतम बैंक्वेट हाल में राष्ट्र पुनर्निर्माण के लक्ष्य को ले युवाओं को संगठित करने के उद्देश्य से अभाविप की नींव रखी गई। अपनी गौरवशाली यात्रा के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें झारखंड के 75 वर्षों के संगठन के साथ कार्य करने वाले नए पुराने कार्यकर्ताओं का महासंगम हुआ। अभाविप के अमृत महोत्सव समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि गत वर्ष देश ने स्वाधीनता का अमृत वर्ष मनाया है, तो विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन अभी अपने स्थापना का 75वीं वर्षगांठ पूरी कर अमृतकाल में पहुंच गया है। स्वाधीनता के बाद राष्ट्रीय पुर्ननिर्माण के व्यापक संदर्भ में अभाविप की स्थापना 9 जुलाई 1949 को हुई। एक विद्यार्थी संगठन के तौर पर अभाविप ने वैचारिक, रचनात्मक, शैक्षिक परिवार की कल्पना को मूर्त रूप प्रदान किया है।
राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में व्यवस्था परिवर्तन, गुणवत्ता, राष्ट्रीयता, सहभागिता जैसे कार्य करते हुए परिषद ने युवा शक्ति के मन में निरंतर राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र-गौरव के भाव का संचार किया है। देश की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाएं रखने के लिए विद्यार्थी परिषद लगातार प्रयत्नशील है। परिषद की यह मान्यता है कि छात्र कल का नहीं बल्कि आज का नागरिक है। राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा अभाविप वर्ष भर सक्रिय रहने वाला देशव्यापी संगठन है। विभिन्न प्रकार की रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से परिषद छात्रों की विशिष्ट प्रतिभा व भूमिका को विकसित कर रहा है। सामाजिक संवेदना से ओतप्रोत छात्र शक्ति को समाज परिवर्तन के लिए उन्मुख करने के लिए परिषद ने कई आयामों का निर्माण किया है। देश की एकता, अखंडता एकात्मता, राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक समरसता नारी सशक्तिकरण जैसे मुद्दों के संदर्भ में अभाविप द्वारा विद्यार्थियों के बीच संवेदना जागृत करने का कार्य अतुलनीय है।
वक्ताओं ने ये कहा :
– अभाविप की पूर्व राष्ट्रीय मंत्री डा. आशा लकड़ा ने कहा कि 75 साल की यात्रा में अपने ध्येयमार्ग
पर अडिग अभाविप ने व्यक्ति निर्माण की अनवरत प्रक्रिया से समाज राष्ट्र जीवन के विविध क्षेत्रों को नेतृत्व प्रदान करने में भूमिका निभाई है। बांग्लादेशी घुसपैठ, आतंकवाद, नक्सली हिंसा, राष्ट्र विरोधी व अलगाववादी गतिविधियों तथा कश्मीर जैसी नीतियाें को ले संपूर्ण समाज में जागरण एवं छात्र-शक्ति द्वारा सार्थक आंदोलन का नेतृत्व कर परिषद ने देशभर में विश्वसनीय स्थान बनाया है
– पूर्व प्रदेश मंत्री हरिप्रकाश लाटा
ने कहा कि अभाविप ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार और उसके भारतीयकरण के लिए सतत प्रयास किए। देशहित छात्रहित के लिए नीतिगत हस्तक्षेप करने के लिए परिषद ने समय समय पर संवाद संगी आदि के माध्यम से परिणामकारी प्रयास किए हैं।
– झारखंड चैंबर्स आफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि अभाविप वर्ष भर सक्रिय रहने वाला देशव्यापी संगठन है। विभिन्न प्रकार की रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से परिषद छात्रों की विशिष्ट प्रतिभा व भूमिका को विकसित कर रहा है। सामाजिक संवेदना से ओतप्रोत छात्र शक्ति को समाज परिवर्तन के लिए उन्मुख करने के लिए परिषद ने कई आयामों का निर्माण किया
है।
ये रहे मौजूद :
मौके पर राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री गोविंदा नायक, क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन, प्रांत संगठन मंत्री राजीव रंजन, राष्ट्रीय जनजातीय सह कार्य प्रमुख प्रमोद राउत, रविंदर राय, अनंत ओझा, सीपी सिंह, नमिता सिंह, अजीत सिन्हा, गोपाल पाठक, अतिश सिंह, अमित तिवारी, राजीव रंजन देव, शशांक राज, बबन बैठा, प्रताप सिंह, संजय महतो, विशाल सिंह, दुर्गेश यादव, शशिकांत, सौरव, रत्नेश त्यागी, हिमांशु दुबे, अटल पांडेय, आशुतोष सिंह, नीतीश भारद्वाज, भारद्वाज शुक्ल समेत अन्य मौजूद रहे।