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हमारे देश में प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी को धन्वंतरी जयंती मनाया जाता है ।।….

त्रिलोकी नाथ प्रसाद : -जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है भगवान धन्वंतरी हिंदू देवी देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं। यह आयुर्वेद के गुरु माने जाते हैं ।था इसका उल्लेख इंगित कोड में किया गया है। पुराणों के अनुसार यह विष्णु के अवतार कहे जाते हैं।

तथा भगवान विष्णु की तरह भगवान धन्वंतरी की भी चार भुजाएं हैं। जिसमें दो भुजाओं में संख तथा चक्र एवं अन्य दो भुजाओं में जलौका तथा अमृत कलश होता है ।देवताओं तथा असुरों द्वारा किए गए समुद्र मंथन से इसकी उत्पत्ति हुई थी कार्तिक मास की त्रयोदशी को भगवान धनवंतरी का जन्म दिवस धनवंतरी जयंती के रूप में मनाया जाता है। आयुर्वेद के आदि गुरु होने के कारण आयुष मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली ने सन 2016 में धन्वंतरी जयंती को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया इस प्रकार 13 नवंबर 2020 को पूरे देश में पंचम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय पटना द्वारा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है इसके अंतर्गत 11 नवंबर 2020 को वाद विवाद निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है आयुर्वेद चिकित्सा जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा 13 नवंबर 2020 को योग प्रदर्शनी धन्वंतरी पूजा एवं आयुर्वेद की कोविड-19 में भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा पूरे कार्यक्रम में मास्क धारण एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा

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