किशनगंज : जिले में टेलीमेडिसिन वीडियो कॉल के माध्यम से जटिल से जटिल रोगों का मुफ्त इलाज व दिया जा रहा है परामर्श-सिविल सर्जन

गर्भवती महिलाओं, कुपोषित बच्चों आदि को आसानी से निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श हो रहा है उपलब्ध।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसीन की सुविधा दी जा रही है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण एवं सुदूर क्षेत्रों के व्यक्तियों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसीन से चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ई-संजीवनी के माध्यम से सभी ग्राम स्वास्थ्य सेवाओं के साथ चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। वही प्रखंड क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों यथा- प्रखंड के सभी वी.एच.एस.एन.डी सत्र स्थल सहित, आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायतों एवम् अन्य क्षेत्रों में अब तक काफी संख्या में मरीजों द्वारा टेलीमेडिसीन चिकित्सा व्यवस्था का लाभ स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया का रहा है। वहीं कई मरीजों को तत्काल उपलब्ध दवाएं भी दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि इस सुविधा से अब घर बैठे ही मरीजों के कई प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। जिससे उनके चेहरों पर खुशी देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा शुरू टेलीमेडिसीन सुविधा के माध्यम से निपुण चिकित्सकों द्वारा परामर्श एवं दवा मिलने से मरीजों को काफी राहत मिल रही है।
टेलीमेडिसीन सेवा के माध्यम से घर बैठे ही समस्याओं का समाधान सम्भव।
सिविल सर्जन ने बताया कि टेलीमेडिसीन सेवा के माध्यम से घर बैठे ही समस्याओं का समाधान सम्भव है। वर्तमान हालातों को देखते हुए लोगों को अपने नजदीकी टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज करानें में सुविधा हो रही है। इससे अनावश्यक ख़र्च नहीं होती व समय की भी बचत होती है। अस्पतालों की भीड़ को कम करने के लिए टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत की गयी है। इसके माध्यम से आप घर बैठे ही सामान्य बीमारियों का इलाज करवा सकते हैं। आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग से टैब दी गई है जो ई-संजीवनी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श की सुविधाए उपलब्ध आसानी से उपलब्ध करा रही है, इससे चिकित्सकों द्वारा ऑनलाइन काउंसिलिंग की जाती है। मरीजों के लक्षण व बीमारियों की जानकारी लेकर डॉ द्वारा तुरंत परामर्श दी जाती है। परामर्श अनुरूप दवायें भी निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रहीं हैं।
क्या होता है टेलीमेडिसिन
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि टेलीमेडिसीन स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है, जो कि डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए कुछ दूरी पर बैठे रोगी की जांच करने और उसका उपचार करने में मदद करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन “डब्ल्यूएचओ” के अनुसार, टेलीमेडिसीन सेवा वह सेवा है जिसमें अनुभवी स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा तकनीक का उपयोग करके ऐसे स्थानों पर रोगों की जांच, उपचार, बीमारियों के रोकथाम, मूल्यांकन आदि की सेवा प्रदान करना है, जहां रोगी और डॉक्टर के बीच काफी दूरी होती है। जिले में 11 हब और 230 स्पोक्स बनाये गए हैं। जिसमें मरीजों को वीडियो कॉल के माध्यम से चिकित्सकीय पराशर्म दी जा रही हैं। इसके साथ हीं ऑनलाइन प्रिस्क्रिप्शन भी लिखा जा रहा है। ज़िले में लगभग 200 के करीब मरीजों को सेवा का लाभ दिया गया है।
संजीवनी साबित हो रही है टेलीमेडिसीन:
ठाकुरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक बसंत कुमार ने बताया कि जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र गांव निवासी मालिगॉव निवासी जहांगीर ने अपने निकटतम एच एस सी पर कार्यरत एएनएम नीलू कुमारी से फोन के माध्यम से चिकित्सीय सलाह लेने के बाद इस तरह की सुविधाओं को ग्रामीण के पक्ष में एक सार्थक पहल बताया है। क्योंकि घर बैठे इस तरह की सुविधाएं मिलना किसी सपनें को साकार करने जैसा लग रहा है। क्योंकि सुदूरवर्ती गांव के लोगों को इस सेवा से काफी लाभ मिलने लगा है। जिले में कुछ वैसे भी क्षेत्र हैं जहां से स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी ज्यादा होने के साथ ही हर समय चिकित्सीय सलाह लेना मुश्किल लगता था लेकिन अब तो घर बैठे फोन कर के भी सलाह या दवा मिलना शुरू हो चुका है। ऐसे में टेलीमेडिसीन यहां के लोगों के लिए वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है।