किशनगंज : असाध्य रोगों से छुटकारा दिलाते हैं भगवान सूर्य : वीणा देवी

खरना के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास, रविवार को पहला अर्घ्य।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, सूर्योपासना का चार दिन महापर्व छठ शुक्रवार से नहाय खाय के साथ आरंभ हो गया है। स्नान, ध्यान के उपरांत छठ व्रतियों ने शुक्रवार को कद्दू और भात ग्रहण किया। शनिवार को खरना अनुष्ठान में सूर्यदेव व छठी मइया को चावल, गुड़ व दूध की खीर, रोटी, फल आदि का भोग लगाया गया। यही भोग प्रसाद ग्रहण करने के बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जल उपवास आरंभ हो गया। पूजा के बाद व्रतियों ने हाथों से प्रसाद वितरित किया। स्वजनों के अलावा आसपास के लोगों ने भी व्रतियों का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य और सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
छठ महापर्व में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। शहर हो या गांव छठ महापर्व के विधान में काेई अंतर नहीं दिखता है। परंपरा के अनुसार खरना के दिन व्रती संध्या में आम की लकड़ी से मिट्टी के बने चूल्हे पर गुड़ का खीर बना कर भोग अर्पण करते हैं। प्रसाद के रूप में इसे ही ग्रहण किया गया। इस दौरान नियम-निष्ठा का पूरा पालन किया गया। 30 अक्टूबर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन छठ घाट पहुंचने से पूर्व घर में सभी सदस्य मिलजुल कर साफ-सफाई से शुद्ध देसी घी में ठेकुआ बनाएंगे। इसी ठेकुआ, चावल के आटा और घी से बने लड्डू, पांच प्रकार के फल व दीए के साथ पूजा का सूप सजाया जाएगा।
पूजा की टोकरी सिर पर रखकर लोग छठ गीत की धुन पर श्रद्धा भाव के साथ नहर छठ घाट पहुंचेंगे। वहीं, दूसरे दिन 31 अक्टूबर को प्रात: काल उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिन महापर्व संपन्न हो जाएगा। किशनगंज में छठ घाट की साफ सफाई हो चुकी है। यहां विशेष प्रकार से सजावट किया गया है।
छठ को लेकर लोगों का उत्साह देखते बन रहा है। चहुंओर छठ के गीत बज रहे हैं। किशनगंज में माहौल पूरी तरह से छठमय नजर आ रहा है। गौरतलब हो कि 30 अक्टूबर 2022 सूर्यास्त का समय शाम 5.37 बजे वही 31 अक्टूबर 2022 सूर्योदय का समय प्रात: 6.31 बजे। छठ व्रति वीणा देवी, बताटी हैं कि छठ पर्व सर्व फलदायी के साथ ही अत्यंत कठिन भी है। इसमें शुद्धता के साथ-साथ कठिन नियमों का भी पालन करना होता है।
छठ के इन चार दिनों में सबसे महत्वपूर्ण शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होती है इसी के कारण इस महापर्व का नाम छठ पड़ा है। इस व्रत को सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और संतान के लिए मनाया जाता है। भगवान सूर्य भक्तों को असाध्य रोगों से भी छुटकारा दिलाते हैं। मौके पर अमरजीत सिंह राजू, वीणा देवी, संगीता देवी, चंचल सिंह, अभय कुमार राज, प्रिंस कुमार सोनू, शुभ कुमार, श्रेय कुमार, आदित्य कुमार, खुशी कुमारी, तीता कुमारी, हरसू कुमार सहित छठ वर्ती मौजूद थे।