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*आईआईटी पटना में बनेगा फायर टेस्टिंग और ट्रेनिंग सेंटर*

– भवन निर्माण विभाग और आईआईटी के बीच हुआ समझौता
– नॉर्थ ईस्टर्न रीजन में अपनी तरह का होगा यह एकलौता संस्थान
– लैबोरैट्री का निर्माण कार्य जल्द होगा शुरू

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/भवन निर्माण विभाग और आईआईटी पटना के बीच शनिवार को एक महत्वपूर्ण एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर हुआ है। इसमें यह तय हुआ कि “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फायर टेस्टिंग, ट्रेनिंग एवं रिसर्च लैबरेट्री” की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र अग्नि सुरक्षा से जुड़ी जांच, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए समर्पित होगा। पटना स्थित सचिवालय के विभागीय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में एमओयू पर विभाग के मुख्य अभियंता (निरूपण) रेजा वारिस वारसी और आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टी एन सिंह ने हस्ताक्षर किए।

इस मौके पर विभागीय सचिव कुमार रवि ने कहा कि यह सरकारी भवनों को अग्नि से सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्व्पूर्ण कदम है। इस सेंटर के संचालन, प्रशिक्षण, उपकरणों के रख-रखाव आदि की जिम्मेदारी अगले पांच वर्षों तक भवन निर्माण विभाग उठाएगा, जबकि आईआईटी पटना विशेषज्ञता, फैकल्टी सहयोग और अनुसंधान गतिविधियों में तकनीकी नेतृत्व प्रदान करेगा।

यह केंद्र आईआईटी पटना परिसर में स्थापित होगा और इसकी अनुमानित लागत करीब 1736 लाख रुपये होगी। इसके लिए जरूरी संरचना भवन निर्माण विभाग तैयार करेगा और आईआईटी पटना मुफ्त में जमीन उपलब्ध कराएगा।

उत्तर-पूर्वी इलाके में अपनी तरह का यह इकलौता संस्थान होगा। इसकी मदद से भवन निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों की आग प्रतिरोधक क्षमता की जांच की जा सकेगी, साथ ही आग लगने पर भवन को होने वाले नुकसान का आकलन और मरम्मत के उपायों पर शोध किया जाएगा।

इस केंद्र में अभियंताओं और कर्मियों को फायर सेफ्टी, बचाव कार्य, और रेट्रोफिटिंग जैसे विषयों पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। आग के समय आग के फैलाव का व्यवहार, बहुमंजिला भवनों में अग्नि सुरक्षा उपाय, और स्थानीय निर्माण सामग्री की ज्वलनशीलता पर भी शोध किया जाएगा। इस अवसर पर विभागीय अधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद थे।

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