किशनगंज : मिल्लिया कान्वेंट इंग्लिश स्कूल में दावते इफ्तार का हुआ आयोजन।

गणमान्य लोग मिल्लिया एजुकेशन ग्रूप के शैक्षणिक कार्य की सराहना की।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, मिल्लिया कालेज आफ इन्जीनियरिंग एण्ड टेक्नोलोजि एण्ड मिल्लिया पॉलिटेक्निक किशनगंज एंव मिल्लिया कान्वेंट इंग्लिश स्कूल किशनगंज के प्रांगन में 15वें रोजा पर एक भव्य दावते इफ्तार का आयोजन किया गया जिसमें जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष मुजाहिद आलम, नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष मो० कलीमुउद्दीन, नन्हा मुश्ताक, डा० शम्स इम्तियाज उर्फ सनी, डा० श्रीकांत, जावेद प्रधान, फरहान अख्तर, तनवीर अली, शिफा सैयद हफीज, असद इकबाल समेत किशनगंज जिला और आसपास के सैंकड़ो गणमान्य लोग उपस्थित हुए। जहां मिल्लिया किशनगंज कालेज आफ इन्जीनियरिंग एण्ड टेक्नोलोजी एण्ड मिल्लिया पॉलिटेक्निक किशनगंज एंव मिल्लिया कान्वेंट इंग्लिश स्कूल के डायरेक्टर दानिश इकबाल ने आये तमाम मेहमानों का जोरदार स्वागत किया।
इस अवसर पर डायरेक्टर एंव राष्ट्रीय जनता दल के युवा प्रदेश महासचिव दानिश इकबाल ने कहा कि रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा है इस महीना में जहां रोज़ा रखने से सवाब (पुण्य) मिलता है वहीं रोजेदार को अफ्तारी कराने से भी पुण्य मिलता है। उन्होंने कहा कि रोजा रखने से ना केवल स्वास्थ्य अच्छा और निर्मल होता है बल्कि मन और आत्मा भी पवित्र और निर्मल होता है। उन्होंने कहा कि रोजा से हमें त्याग और बलिदान की शिक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि रमज़ान के महिने में पुरे माह का रोज़ा उपवास रखा जाता है।
इस माह में पांच वक्त की नमाज़ के अलावा तराविह की नमाज़ पढी जाती है। इस महीने में पुरे साल की कमाई का ढाई प्रतिशत ज़कात निकाला जाता है ज़कात की यह राशी ग़रीबों, यतीमों, बेसहारों और ज़रूरतमंदों को दी जाती है और इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि जो रिश्तेदार गरीब हैं पहले उनका ख्याल रखा जाये। साथ ही रमज़ान के महिने में अल्लाह की ईबादत के साथ मानव कल्याण के कार्यों को भी किया जाता है।
दानिश इकबाल ने कहा कि रमज़ान के महीने के जो भी नियम हैं उनका पालन इन्सान को करना चाहिए। रमजान का में बुराईयों को रोकता है और अच्छाई के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि इस्लाम अमन व मुहब्बत आपसी भाईचारगी और मानवता की शिक्षा व संदेश देता है इसलिये इस्लाम ने बार बार मानवीय सेवा पर ज़ोर दिया है। इस माह में भी इन्सानियत की खिदमत पर ज़ोर दिया गया है। इस महीने में अल्लाह पाक अपने रहमत के ख़ज़ाने खोलते हैं और भलाई के कामों में किये जाने वाले खर्च करने से एक के बदले अल्लाह सत्तर अता करते हैं और यह वह नेमत है जो हमें अल्लाह की इबादत के साथ इन्सानियत की सेवा के लिए भी प्रेरित करती है। बहरहाल यहाँ आये लोगों ने मिल्लिया एजुकेशन ग्रूप की शैक्षणिक कार्यों की सराहना की और शिक्षा के इस चमन के आगे बढ़ने की दुआ की।