डाइबिटीज से बचना है तो चलना होगा ।

अमित कुमार/एक ऐसी बिमारी जो लोगों को अपने आगोश में ले रही है और आजकल यह बिमारी तेजी से हर दस में से चार लोगों को अपना शिकार बना रही है। जिस तरह से लोग डाइबिटीज का शिकार हो रहे हैं बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। कारण है लोगों की जीवनशैली में परिवर्तन। तनाव भरे जीवन मे लोगों ने घुमना टहलना बंद कर दिया है लोगों का झुकाव जंक फूड के तरफ़ ज्यादा हो गया है जिसके कारण डाइबिटीज जैसे साइलेंट किलर लोगों को अपना शिकार बना रही है। अगर इस बिमारी से बचना चाहते हैं तो आपको अपने रूटीन में परिवर्तन करना होगा। अपने जीवन में वाक् को अपनाएं हमेशा तनाव मुक्त रहें एवं खानें पीने पर कन्ट्रोल रखें जिससे इस बिमारी से आप बच सकते हैं । उक्त बातें आस्था फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे वाक् फार लाइफ मुहिम के तहत सैकड़ों ओरियंटल इनसूरेनस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मशहूर फिजिशियन डॉ दिवाकर तैजसवी ने कहीं। उन्होंने अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि डाइबिटीज रोग बहुत ही खर्चीला होता है और साथ ही और भी अंगों को बर्बाद कर देती है । ऐसे में आप अगर डाइबिटीज है तो जरूर वाक् करें अगर नहीं है तो भी करे जिससे आप डाइबिटीज से बच सकते हैं । आस्था फाउंडेशन के सचिव पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि आस्था फाउंडेशन लगातार वाक् फार लाइफ मुहिम चलाकर लोगों को डाइबिटीज के प्रति जागरूक कर रही है । बहुत से अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने डाक्टर तैजसवी से डाइबिटीज साथ संबंधित प्रश्न पूछे जिसका जवाब सही तरीके से दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में धर्मेंद्र कुमार, मनोज कुमार मुख्य प्रबंधक सुरेन्द्र सिंह क्षेत्रीय प्रबंधक, संदीप कुमार प्रबंधक और अर्जून पासवान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।