बिहार विधानसभा चुनाव में अगर लोकसभा चुनाव की तरह दाँव-पेंच की संकीर्ण गन्दी राजनीति हुई तो लाभ विपक्ष को मिलेगा: उपेन्द्र कुशवाहा
रालोमो के राजनीतिक मंथन शिविर में पेश किया गया राजनीतिक प्रस्ताव

अविनास कुमार/राष्ट्रीय लोक मोर्चा के तीन दिवसीय राजनीतिक मंथन शिविर के आज दूसरे दिन की शुरुआत शिविर में विचार विमर्श हेतु राजनीति प्रस्ताव को प्रस्तुत कर की गई। शिविर में आज के प्रथम सत्र में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ पटेल ने सभा में राजनीतिक प्रस्ताव को पढ़कर प्रस्तुत किया। इसके बाद पार्टी के सभी 41 संगठन जिलों के जिलाध्यक्षों ने प्रस्तुत राजनीतिक प्रस्तावों पर अपने अपने विचार रखे।
पार्टी नेताओं ने इस विचार पर सर्वसम्मति दिखाई कि अब से कुछ ही महीनों के बाद बिहार में होने वाले चुनाव में संगठन की दृष्टि से हमारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है परंतु दाँव-पेंच की संकीर्ण गन्दी राजनीति को लेकर हमें अत्यधिक सचेत व सजग रहने की जरूरत है | क्योंकि विगत लोकसभा चुनाव में हम इसके शिकार हो चुके हैं शाहाबाद और इससे सटा हुआ मगध का हिस्सा पूरे तौर पर ब्लैक आउट हो गया | लोकसभा का चुनाव पूरे देश के लिए होता है देश भर से चुन कर आए सांसदों के बहुमत के आधार पर सरकार बनती है अतएव शाहाबाद और मगध में विपरीत परिणाम के बाद भी केंद्र में हमारी सरकार बन गई | परंतु बिहार विधानसभा चुनाव में किसी भी पॉइंट पर हमारी कमजोरी का लाभ विपक्ष को मिल सकता है । इस शिविर के माध्यम से NDA गठबंधन के सभी दलों से यह अनुरोध किया कि विपक्ष के खिलाफ मोर्चाबंदी में रुचि दिखाएं, आपस में कतई नहीं | इस बात पर भी सहमति जताई गई कि लोकसभा चुनाव में विपरीत परिणाम के पीछे का एक बड़ा कारण यह भी था कि गठबंधन करते वक्त आपस में बनी समझ के आधार पर सीटों का वितरण नहीं हुआ। इस विषय को हमारे समर्थक मतदाताओं की भावना को भड़काने हेतु विपक्ष ने एक औजार के रूप में इस्तेमाल करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। शिविर में यह भी विचार मछली पकड़ने के लिए मछली का ही चारा डालने की थ्योरी को विधान सभा चुनाव में भी आजमाने हेतु विपक्ष पूरी तैयारी किए बैठा है।
इस शिविर के माध्यम से रालोमो ने सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया कि न सिर्फ हम पूरी मजबूती और एकजुटता से चुनाव लड़ेंगे बल्कि इस मजबूती व एकजुटता के साथ चुनाव जीतकर अगली सरकार भी बनाएंगे, एक ऐसी सरकार, जिसमें हमारी पार्टी की दमदार व प्रभावकारी उपस्थित होगी | जो सरकार पूरे तौर पर सामाजिक न्याय व धर्मनिरपेक्षता के साथ गरीबों, किसानों,युवाओं, व महिलाओं के प्रति समर्पित रहते हुए देश को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री जी के सपना को पूरा करने में बिहार की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करेगी | लेकिन किसी भी परिस्थित में पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर सकती।
इसके अतिरिक्त पार्टी के मुख्य मुद्दों यथा उच्चतर न्याय व्यवस्था का प्रजातंत्रीकरण हेतु कॉलेजियम प्रणाली को तुरंत समाप्त करने, शिक्षा में सुधार, जातीय जनगणना , जनसंख्या के आधार पर परिसीमन एवं क्षेत्र का विकेंद्रीकरण, पटना का नाम पाटलिपुत्र करना, सावित्रीबाई फुले की जयंती पर महिला शिक्षा दिवस का आयोजन, सम्राट अशोक की जयंती पर बिहार की तरह पूरे देश में अवकाश की घोषणा, बिहटा हवाई अड्डे का नाम भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर करना, बिहार में किसानों और युवाओं के हितों मे कृषि उत्पादन पर आधारित उद्योगों की स्थापना जिससे पलायन की समस्या रुकेगी एवं रोजगार सृजन होगा, बिहार में पर्यटन क्षेत्र को विकसित कर रोजगार सृजित करने का काम, बोधगया के मंदिर अधिनियम में संशोधन करना, सीतामढ़ी में निर्माण हो रहे मेडिकल कॉलेज का नाम अमर शहीद रामफल मंडल के नाम पर करना आदि विषयों पर चर्चा की गई।
पार्टी के प्रवक्ता नितिन भारती ने उक्त आशय की जानकारी देते हुए बताया कि आज राजनीतिक मंथन शिविर में अपने विचार रखने वालों में शैलेश कुशवाहा, नंद कुमार सिंह, कमल कुशवाहा, अनंत कुमार गुप्ता, रामेश्वर कुशवाहा, अशोक कुशवाहा, मोo रिजमान, लक्ष्मी पासवान, आदि ने किया। इससे पूर्व शिविर में आए पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सुबह लव कुश घाट का भ्रमण किया। साथ ही आज संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें बिहार के कोने कोने से आए नवोदित कलाकारों को मंच दिया गया।
नितिन भारती ने बताया कि इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेत्री स्नेहलता कुशवाहा, प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ पटेल , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामेश्वर महतो, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रणविजय सिंह , अखिलेश सिंह, फजल इमाम मल्लिक, रेखा गुप्ता, प्रशांत पंकज, आर के सिन्हा, पप्पू सिंह, रामपुकार सिन्हा, अमेरिका महतो, संतोष गुप्ता, सुभाष चंद्रवंशी, ब्रजेन्द्र कुमार पप्पू, अशोक राम, स्मृति कुमुद, हिमांशु पटेल आदि उपस्थित थे।