*हजारों करोड़ का है, ICT and SMART CLASS PROJECT (Computer) घोटाला*
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आर के पांडे/गौरतलब है कि मार्च 2024 महिने में ICT LAB AND SMART CLASS युक्त विद्यालयों में नियुक्त ICT instructor का Assessment JEPC के सभागार रांची में आयोजित किया गया था, जिसमे 85% ICT instructor को JEPC रांची के द्वारा file घोषित किया का चुका है। JEPC रांची की शर्त ये थी की जिसका भी 50% से कम नंबर आयेगा उसे उसके पद से हटा दिया जाएगा। परंतु समस्या यहां यह है, की ये सारे ICT instructors का साक्षात्कार और संबंधित प्रमाण पत्र का सत्यापन JEPC रांची ने ही किया था।
तो अब जुलाई 2024 में ICT instructors का Assessment पुन: लेना तय किया गया है। जबकि यह प्रोजेक्ट पिछले 5 से 7 सालों से पूरे झारखंड के 24 जिलों में चल रहा है, फिर भी अभी तक किसी भी विद्यालय में JEPC रांची के द्वारा आज तक पाठ्यपुस्तिका इस ICT प्रोजेक्ट को ध्यान में रखते हुए (Computer) विषय से संबंधित उपलब्ध नहीं कराया गया है। सारा दारोमदार आईसीटी इंस्ट्रक्टर पर है, वह अपने Skill से जो भी छात्रों को पढ़ा दें। जबकि अगर पूरे झारखंड की बात की जाए तो जितने भी ICT instructor झारखंड राज्य के 24 जिलो में संबंधित Company और JEPC रांची के द्वारा बहाल किए गए है, उनमें 75% तो non ICT skill and fake certificate (scan) किया हुआ है। झारखण्ड सरकार चाहे तो इसकी निष्पक्ष जांच सक्षम एजेंसी से करा सकती हैं। जानकारी के लिए बताते चलें कि सभी बहाल किए गए आईसीटी इंस्ट्रक्टर का साक्षात्कार एवं संबंधित सर्टिफिकेट की जांचJEPC रांची के द्वारा ही की गई है। और खुद ही वो 85% को अयोग्य ठहरा चुकी है। जो निसंदेह जांच का विषय है, इनकी करगुजारियां का अंत यही हो जाता तो ठीक था, परंतु इससे दो कदम आगे बढ़ते हुए JEPC रांची ने जिस आईसीटी इंस्ट्रक्टर को उसने खुद अयोग्य ठहराया उन्हीं के माध्यम से ICT युक्त विद्यालयों, के छात्र छात्राओं का बीते दिनों दिनांक 15/05/2024 और 16/05/2024 को ICT (Computer) विषय का Class:- 09th to 12th का online exam JEPC रांची के द्वारा लिया गया ये वो भी English medium से उसी Question का screenshot संलग्न संलग्न हैं। जबकि किसी भी सरकारी विद्यालय में आज तक English medium से कम्प्यूटर की शिक्षा दी ही नहीं गई।
JEPC रांची कागज पर अपना पीठ खुद थपथपा रहा है, की उसने झंडा गाड़ दिया है जबकि झारखंड राज्य के किसी भी गांव/कसवे के ICT युक्त विद्यालय में जा कर इसकी सत्यता को जांचा जा सकता है, सच में इसकी वास्तविकता क्या है?