झारखंडराजनीति

खसरा संक्रमण से चतरा जिले को मुक्ति दिलाने के लिए मैं हर संभव प्रयास करूंगा -बृज किशोर

चतरा:- खसरा, जिसे रुबेला भी कहा जाता है। एक अत्यधिक संक्रामक, तीव्र और ज्वर संबंधी श्वसन वायरल रोग है। यह एक वायरल बीमारी है जो छोटे बच्चों के लिए गंभीर साबित हो सकती है, लेकिन खसरे के टीके से इसे आसानी से रोका जा सकता है। उक्त बातें चतरा जिला परिषद वाइस चेयरमैन बृजकिशोर तिवारी उर्फ बिरजू तिवारी ने अपने दफ्तर में मुलाकात के दौरान कहा।

वाइस चेयरमैन श्री तिवारी ने कहा कि खसरे के वायरस का संचरण मुख्य रूप से उन लोगों में देखा जाता है जो खसरा का टीका नहीं लगवाते हैं। उन्होंने ने कहा कि मीडिया की खबरों के अनुसार हमारा चतरा जिला पूरे झारखंड में सबसे अधिक खसरा से प्रभावित है।इस बात से मैं काफी मर्माहत एंव आहत हुआ हूं।लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। मैं जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया हूं।आज मेरी बात सिविल सर्जन से हुई है।इसी सप्ताह जिला मुख्यालय में खसरा उन्मूलन अभियान की शरुआत कार्यशाला आयोजित कर की जाएगी।
श्री तिवारी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिले में सबसे अधिक खसरा संक्रमण से प्रभावित हंटरगंज और प्रतापपुर प्रखंड हैं। यहां के बुद्धिजीवियों एंव अभिभावकों के साथ समन्वय स्थापित कर खसरा टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। खसरा संक्रमण से जिले को मुक्ति दिलाने के लिए मैं हरसंभव कोशिश करूंगा। आज के बच्चे ही देश के भविष्य हैं।

उन्होंने ने कहा कि खसरा के लक्षणों में उच्च बुखार, कमजोरी, खांसी, बहती नाक, चितकबरे या फटे नाखून, एक खसरा दाने,गले में खरास, मुंह के अंदर कोप्लिक धब्बे, मांसपेशियों में दर्द, प्रकाश की संवेदनशीलता शामिल है समय से खसरा का टीका पड़ जाने से उक्त संक्रमण से मुक्ति मिल जाती है।खसरा की टीका से हल्का बोखार आता है।चिकित्सक के सलाह से पैरासिटामोल की टैबलेट या सिरप देने से एक दो दिन में बोखार छूट जाता है।इसलिए मैं सभी अभिभावकों से अपील करता हूं कि अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों पर जा कर खसरा का टिका आवश्यक लगवालें। यह टिका पूरी तरह मुफ्त है।

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