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तरारी के गोपालपुर में चल रहे 40 दिवसीय राम कथा के 29 वे दिन श्रद्वालूओ की उमंड़ी भीड…

गुड्डू कुमार सिंह:आरा/तरारी।जीव आत्मा प्रमात्मा का दोस्त है, अर्थात आत्मा और प्रमात्मा दोनों मे ही ईश्वर का ही वास है। इसको जिस मनुष्य ने जान लिया वह मानव महान है। विपति काल मे धर्म की परीक्षा होती है। लाख विपत आए जाए मनुष्य को कभी धर्म का मार्ग नही छोड़ना चाहिए। मानव अगर मानव की सेवा करता है वह भी एक धर्म के समान ही है। हनुमान ने एक दोस्त के साथ साथ सेवक की भूमिका निभाई। यह बातें शुक्रवार को भोजपुरी के प्रखंर रामकथा वाचक राज वल्लभ सिंह ने गोपालपुर गांव में आयोजित 40 दिवसीय रामकथा के 29 वे दिन कथा वाचन के दौरान कही। कथायज्ञ के 29 वे दिन श्रद्धालूओं की काफी भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं कथावचक ने कहा राम का बनवास, सवरी से मिलन, सबरी के जूठे बेर को मुखपान, सीता हरण, सुग्रीव से मिलन बाद रावण का वध व विभिषण के राज्याभिषेक के बाद माता सीता के साथ अयोध्या वापसी आदि प्रसंगों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा भाव के विना भगवान नही मिलते। रामचरित्र मानस में राम और सीता का व्यवहार हमारे और समाज के लिए एक आदर्श है। प्रवचन के दौरान बीच-बीच में भजन व कीर्तन से लोग भक्ति की सागर में गोता लगाते रहे। मौके पर शिवपुकार सिंह ,अवधेश राय ,हिन्दू जागरण के मिडिया प्रभारी अनीश कुमार पाल ,शुभम तिवारी ,महेन्द्र सिंह ,लल्लू बाबा ,राम बदन सिंह ,प्रेमा प्रकाश सिंह सूर्यमल राम सत्यनारायण साह ,सुर्दशन सिंह ,तेजनारायण सिंह सह आदि लोग सक्रिय थे।

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