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बहादुरगंज : प्रखण्ड परिसर में महागठबंधन द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित

महंगाई, किसानों से वादा खिलाफी, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग, नफरत और घृणा की राजनीति के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन:डा० नजरुल

किशनगंज, 15 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के बहादुरगंज प्रखण्ड परिसर में गुरुवार को महागठबंधन द्वारा आयोजित केंद्र की सरकार में बेरोजगारी, महंगाई, किसानों से वादा खिलाफी, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग, नफरत और घृणा की राजनीति के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में किया गया। इस अवसर पर महागठबंधन के स्थानीय नेतागण उपस्थित रहे। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से वरिष्ठ जदयू नेता पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज अंजुम जदयू जिला उपाध्यक्ष विजय झा, जदयू जिला महासचिव डा० नजीरुल इसलाम, जदयू जिला उपाध्यक्ष परवेज अख़्तर, जदयू जिला महासचिव मुजफ्फर हुसैन, जदयू जिला सचिव मुजफ्फर आलम, जदयू जिला महासचिव फातमा बेगम, जदयू जिला सचिव रानी देवी, कयूम साह, जदयू कार्यकारिणी सदस्य प्रीति कुमारी, जदयू बहादुरगंज प्रखंड अध्यक्ष हरिहर पासवान, जदयू अति पिछड़ा प्रखंड अध्यक्ष मुमताज आलम, जदयू बहादुरगंज नगर अध्यक्ष बंटी सिन्हा, राजद प्रखंड अध्यक्ष अख्तर नामी उर्फ गुड्डू सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज अंजुम ने कहा कि भाजपा के फासीवादी उन्माद भी आज अपने चरम पर है। 28 मई को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जिस प्रकार से एक राजा के राज्याभिषेक की तरह नरेन्द्र मोदी ने संसद के नए भवन का उद्घाटन किया, वह पिछले 9 सालों में मोदी शासन के वास्तविक चरित्र और उसके भविष्य को सबसे ज्यादा स्पष्टता के साथ प्रकट करता है। संसद के नए भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू को बुलाया तक नहीं गया। यह न केवल संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं का घोर अपमान है बल्कि आदिवासी समुदाय और महिलाओं का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में भी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को नहीं बुलाया गया था। दलितों के प्रति घड़ियाली आंसू बहाने वाली भाजपा का दलित विरोधी चेहरा उस समय भी खुलकर सामने आया था। उसी प्रकार, जगजीवन राम छात्रावास अनुदान योजना को बदलकर प्रधानमंत्री योजना कर देना दलित समुदाय के एक बड़े नेता के प्रति उसकी घृणा को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है। जदयू के जिला उपाध्यक्ष विजय झा ने कहा कि जिस समय नरेन्द्र मोदी संसद के नए भवन का उद्घाटन कर रहे थे, ठीक उसी समय, उसी दिल्ली में, यौन उत्पीड़क बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहीं महिला पहलवानों को सड़कों पर घसीटा गया, उनके आंदोलन स्थल को तोड़ दिया गया और महिला पहलवानों व उनके साथ प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे नागरिक समुदाय के लोगों की अपमानजक तरीके से गिरफ्तारी की गई। मोदी सरकार, संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ अब खुलकर सामने आ गई है। विपक्ष के नेताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उनके पीछे ईडी और सीबीआई लगा दिया जा रहा है। देश के संघीय ढांचे और लोकतंत्र को केंद्रीय एजेंसियों के जरिए नेस्तनाबूद करने के हर प्रयास हो रहे हैं। जदयू के जिला महासचिव डा० नजीरुल इसलाम ने कहा कि 2024 में भाजपा के वापस लौटने का मतलब होगा संविधान और लोकतंत्र का खात्मा! आरक्षण व्यवस्था की समाप्ति ! ऐसी सरकार को आने वाले चुनावों में सत्ता से बाहर कर देना ही देश की जनता और सभी लोकतंत्र व अमन पसंद नागरिकों का पहला कार्यभार होना चाहिए। जातीय गणना, महंगाई, बेरोजगारी, संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग, किसानों की आय दुगुनी करने, उन्माद-उत्पात की राजनीति पर रोक, दलित-गरीबों की आवास एवं खाद्यान्न योजना बंद करने की साजिश, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जैसे कुछ प्रमुख सवालों पर राज्य के सभी प्रखंडों पर आगामी 15 जून 2023 को महागठबंधन के बैनर तले धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया गया है। मौके पर जिला महासचिव शिवधर, राजद अल्पसंख्यक प्रखंड अध्यक्ष शमशाद आलम, कांग्रेस प्रखंड विधानसभा अध्यक्ष बहादुरगंज अजहर अंजुम, युवा कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष वसीम अख्तर, नजमुल हुदा, सरवर आलम, जदयू नेता शमीम अख्तर, अजीमुद्दीन, नसीम अख्तर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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