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किशनगंज : जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर उत्साह के साथ मना गोदभराई दिवस।

गोदभराई के साथ पोषण की दी गई जानकारी, गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी है संतुलित आहार।

  • गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलियां लेनी चाहिये।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर मातृ पोषण स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से सोमवार को उत्साह के साथ गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म आयोजित की गई। शिशु के विकास के प्रति बाल विकास परियोजना के तहत विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।इस दौरान गर्भवती महिलाओं को पोषण की थाली भी दी जाती है। जिसमें गुड़, चना, सहजन, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, आयरन की गोलियां आदि शामिल रहती है। हर माह की 7 तारीख को गोद भराई दिवस पर गर्भावस्था के प्रथम त्रैमास में चिह्नित महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों पर एकत्र किया जाता है लेकिन इस बार रविवार को अवकाश के कारण यह 08 तारीख सोमवार को किया गया। इस दौरान कार्यक्रम आयोजित कर गर्भवती महिलाओं और उनके अभिभावकों को योजनाओं के बारे में जानकारी भी प्रदान की जाती है। गर्भवती महिलाओं को पोषण पोटली उपहार के रूप में दी जाती है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान पोषण का प्रतिदिन सेवन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। मौसमी फलों व सब्जियों के सेवन से होने वाले पोषण लाभ के प्रति महिलाओं को जागरूक भी किया जाता है। जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के समेकित बाल विकाश पदाधिकारी जीनत यास्मिन ने बताया कि सरकार बेहतर पोषण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करती है। इसके तहत प्रत्येक माह की सात तारीख को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 07 से 09 महीने की गर्भवती महिलाओं की गोद भराई कराई जाती है। गोदभराई दिवस मनाने को लेकर विभाग का उद्देश्य महिलाओं में पोषण को लेकर जागरूकता बढ़ाना है। क्योंकि गर्भावस्था में महिलाओं को खान-पान द्वारा अपना व अपने गर्भस्थ बच्चे का भी ध्यान रखना है। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था में प्रतिदिन हरी साग-सब्जी, मूंग का दाल, सतरंगी फल, सूखे मेवे एवं दूध, सप्ताह में दो से तीन बार अंडे, मांस, महिलाओं को खाना चाहिए। राष्टीय पोषण अभियान के जिला समन्वयक मंजूर आलम ने बताया महिलाओं में खून की कमी से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को बच्चे को जन्म देने से पहले 180 आयरन की गोलियां लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली दी गई है। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गई। वहीं, सभी महिलाओं को अच्छी सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई, कि सुरक्षित प्रसव के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी है। राष्टीय पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक पूजा राम दास ने बताया की आंगनबाड़ी सेविकाओं ने गोद भराई के दौरान महिलाओं को बताया कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर मां का गाढ़ा-पीला दूध बच्चे को पिलाना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बच्चों को छह माह तक केवल माँ का दूध दें। यह बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। 6 माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की काफी जरूरत होती है। घर का बना मसला व गाढ़ा भोजन ऊपरी आहार की शुरुआत के लिए जरूरी होता है। सामान्य प्रसव के लिए गर्भधारण होने के साथ ही महिलाओं को चिकित्सकों से समय पर जाँच करानी चाहिए।

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