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*जीकेसी की प्रस्तुति ‘एक प्यार का नगमा है’ हुआ सम्पन्न*

*संगीत प्रेमी मुकेश की आवाज का आज भी दीवाना है : राजीव रंजन प्रसाद*

*भारतीय संगीत उद्योग के सर्वाधिक सफल गायकों में शुमार थे मुकेश : रागिनी रंजन*

*संगीत जगत को अपनी दिलकश आवाज से सुशोभित किया था मुकेश ने डा. नम्रता आनंद*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा ::-जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) कला-संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के सौजन्य से महान पार्श्वगायक मुकेश (मुकेश चंद्र माथुर) की पुण्यतिथि 27 अगस्त के अवसर पर संगीतमय संध्या ‘एक प्यार का नगमा है’ का आयोजन किया गया जिसमें
नामचीन कलाकारों ने उनके गाये गानों के द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि सुमन अर्पित की।

संगीतमय कार्यक्रम ‘एक प्यार का नगमा है ’ का संयोजन जीकेसी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद, जीकेसी

कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेम कुमार, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के उपाध्यक्ष दिवाकर कुमार वर्मा,

कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव अनुराग समरूप ने किया।

कार्यक्रम का संचालन जीकेसी बिहार कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष अखौरी योगेश कुमार ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत मुकेश की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित करके की गयी।

उक्त अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मुकेश ने अपने मधुर गीतों और अपनी सुरीली आवाज से फिल्म इंडस्ट्री
में खास पहचान बनाई थी। अपनी जादुई आवाज से श्रोताओ को मंत्रमुग्ध करने वाले महान पार्श्वगायक मुकेश आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन फिजां के कण-कण में उनकी आवाज गूंजती महसूस होती है, हिंदुस्तान का हर संगीत प्रेमी मुकेश की आवाज का दीवाना है। मुकेश ने वैश्विक गायक के रूप में अपनी पहचान भी बनाई। विदेशों में खासे लोकप्रिय थे, रूस में तो आज भी वे लोकप्रिय हैं।

जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि सुरों के बादशाह मुकेश को भारतीय संगीत उद्योग के सबसे सफल और प्रसिद्ध गायकों में से एक माना जाता है। मुकेश ना केवल एक गायक बल्कि एक अच्छे इंसान के रूप में भी जाने जाते थे।

जीकेसी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डा. नम्रता आनंद ने बताया कि मुकेश को फिल्म जगत में उनकी अलग तरह की आवाज के लिए हमेशा याद किया जाता है और उनके गीत आज भी लोगों को सुकून देते हैं।उन्होंने अपनी दर्दभरी सुरीली आवाज से सबके दिल में अपना खास मुकाम बनाया।

प्रेम कुमार ने बताया खूबसूरत नगमों के सरताज मुकेश हिन्दी सिनेमा के उन गायकों में से एक रहे हैं जिन्होंने संगीत जगत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुकेश को शो मैन राज कपूर कीआवाज कहा जाता था। राजकपूर का भी मानना था कि उनकी सफलता में मुकेश की आवाज का महत्वपूर्ण योगदान था।

दिवाकर कुमार वर्मा ने बताया कि मुकेश ने अपने सदाबहार नगमों के जरिये श्रोताओं के दिलों पर अमिट पहचान बनायी थी। मुकेश भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज भी उनके गाने उनकी यादों के रूप में हमारे बीच हमेशा मौजूद है। गायकी के क्षेत्र में उनके योगदान को कोई भूला नहीं सकता।

अनुराग समरूप ने कहा कि मुकेश ने अपनी दर्दभरी सुरीली आवाज में एक से एक बढ़कर गीत गाकर लोगों का दिल जीता था। इसीलिए उनके नगमें आज भी भारतीय सिनेमा जगत में सर्वाधिक लोकप्रिय है।

संगीतमय कार्यक्रम में मनीष वर्मा, दिवाकर कुमार वर्मा, कुमार संभव, कुंदन तिवारी, रत्ना गांगुली, डा. नम्रता आनंद, प्रेम कुमार, संपन्नता वरूण, मेघाश्री अंजू, पल्लवी सिन्हा
प्रवीण बादल, सुबोध नंदन सिन्हा ने सदाबहार गीतों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की।

उक्त कार्यक्रम में सभी कलाकारों को जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने मोमेंटो और अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया।

उक्त अवसर पर जेकेसी के दीपक अभिषेक, संजय कुमार, जितेन्द्र कुमार सिन्हा, मुकेश महान, रंजना कुमारी सहित अनेको सदस्य उपस्थित रहकर कलाकारों की हौसला अफजाई किया।
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