*समस्तीपुर में मगरदहीघाट से मुक्तापुर तक एनएच-322 के फोरलेन सड़क निर्माण एवं नए एचएलआरसीसी पुल परियोजना को मिली प्रशासनिक स्वीकृति ।*
त्रिलोकी नाथ प्रसाद/सरकार द्वारा समस्तीपुर जिले में यातायात के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-322 पर मथुरापुर से मुक्तापुर आरओबी तक कुल 2.056 कि.मी. लंबी सड़क को फोरलेन करने तथा बूढ़ी गंडक नदी पर 200 मीटर लंबे नए एचएलआरसीसी पुल के निर्माण की महत्वाकांक्षी परियोजना को भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRT&H) द्वारा ₹58.60 करोड़ (रु. 58,60,25,381/- मात्र) की लागत पर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
इस दौरान पथ निर्माण मंत्री, श्री नितिन नवीन ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि इस परियोजना में एनएच-322 के चेनज 67.471 कि.मी. से 69.256 कि.मी. तक सड़क का चौड़ीकरण व मजबूतीकरण तथा पुराने क्षतिग्रस्त स्क्रू पाइल पुल के स्थान पर नया एचएलआरसीसी ब्रिज (8×24.00 मीटर) का निर्माण शामिल है।प्रशासनिक स्वीकृति के उपरान्त परियोजना की निविदा भी जारी की जा चुकी है, और कार्यारंभ की तिथि से 24 माह में इसका निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
साथ ही पथ निर्माण मंत्री द्वारा कहा गया कि “समस्तीपुर शहर के मध्य से गुजरने वाले एनएच-322 की यह परियोजना न केवल समस्तीपुर और दरभंगा के बीच आवाजाही को सुगम बनाएगी, बल्कि शहरी यातायात को भी अत्यंत राहत देगी। यह परियोजना राज्य सरकार की विकास प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें केंद्र सरकार का सक्रिय सहयोग मिल रहा है।”
एनएच-322, जो हाजीपुर के पासवान चौक से प्रारंभ होकर जनदाहा, मुसरीघरारी, समस्तीपुर होते हुए दरभंगा के हजमा चौक तक जाती है, समस्तीपुर जिले का प्रमुख मार्ग है। यह समस्तीपुर और दरभंगा को मगरदहीघाट के माध्यम से जोड़ता है। वर्तमान में मगरदहीघाट पर एक एचएलआरसीसी ब्रिज के जरिए यातायात संचालित हो रहा है, जबकि इसके समांतर स्थित पुराना स्क्रू पाइल ब्रिज क्षतिग्रस्त एवं अनुपयोगी स्थिति में है।
विदित हो कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दिनांक 13 जनवरी 2025 को अपनी प्रगति यात्रा के दौरान इस पुराने पुल के स्थान पर एक नया एचएलआरसीसी ब्रिज बनाने और मगरदहीघाट से मुक्तापुर तक सड़क को फोरलेन करने की घोषणा की थी। उक्त घोषणा को मूर्त रूप देते हुए अब केंद्र सरकार से स्वीकृति तथा निविदा निर्गत हो चुकी है।