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*जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के नए टर्मिनल से शुरू हुई उड़ानें*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, ::बिहार की राजधानी पटना अब उन गिने-चुने शहरों में शामिल हो गया है, जिनका हवाई अड्डा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। 3 जून 2025 से पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन से उड़ानों का संचालन शुरू हो गया है। यह न सिर्फ राज्य के बुनियादी ढांचे में एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और पर्यटन दृष्टिकोण से भी यह उपलब्धि अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल पूरी तरह से अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। यह टर्मिनल न सिर्फ यात्रियों की संख्या को झेलने की क्षमता रखता है, बल्कि इसकी डिजाइन में पारंपरिकता और आधुनिकता का अनूठा संगम देखने को मिलता है। इसके निर्माण में लगभग ₹1,200 करोड़ रुपये लागत आया है। इस टर्मिनल में 45 लाख यात्रियों को सालाना संभालने की क्षमता है। इस टर्मिनल की विशेषता है कि इसमें चेक-इन काउंटर, 5 एयरोब्रिज, हाई-सिक्योरिटी स्कैनिंग सिस्टम, एलईडी आधारित ऊर्जा संरक्षण तकनीक और हरित भवन प्रमाणन (Green Building Certification) है।

पटना एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी किया है ताकि वे आसानी से नए टर्मिनल तक पहुंच सकें और किसी भी असुविधा से बच सकें। नया टर्मिनल एंट्री गेट पुराने टर्मिनल से भिन्न स्थान पर है। साइन बोर्ड और डिजिटल मार्गदर्शन प्रणाली का पालन करने का निदेश है। उड़ान समय से 2 से 3 घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचना है और किसी भी जानकारी के लिए 9471000714 पर संपर्क किया जा सकता है।

एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसको ध्यान में रखते हुए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 20 पुलिसकर्मी अगले 10 दिनों तक प्रवेश और निकास दोनों द्वार पर तैनात रहेंगे। 20 अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस भी व्यवस्था को नियंत्रित करने में मदद करेंगे। एयरपोर्ट थानेदार को इलाके में लगातार गश्ती करने का निर्देश दिया गया है। CCTV निगरानी, डॉग स्क्वॉड और बैगेज स्कैनिंग व्यवस्था को अपग्रेड किया गया है।

उद्घाटन से पहले, बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव (कैबिनेट) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा की। उनके साथ प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी, एसएसपी, अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक व तकनीकी अधिकारी भी उपस्थित थे। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि यात्रियों को कोई असुविधा न हो। सभी विभाग आपसी समन्वय में कार्य करें। हर दिन सक्रिय निगरानी और फीडबैक प्रणाली हो। सभी कर्मचारियों को दक्षता और संवेदनशीलता के साथ जिम्मेदारी निभानी होगी।

नया टर्मिनल न केवल भौगोलिक रूप से आधुनिकता का प्रतीक है, बल्कि यह बिहार के आर्थिक विकास को भी नया पंख देने वाला है। बेहतर सुविधा और खूबसूरत वास्तुकला अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करेगा। निवेशकों और कारोबारी यात्रियों को ज्यादा सुविधा मिलेगी। एयरपोर्ट पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों नौकरियां उत्पन्न होंगी। इंटरनेशनल कनेक्टिविटी को लेकर DGCA की योजनाएं भी सक्रिय हो गई हैं।

पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल की डिजाइन भारतीय वास्तुकला की आत्मा को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ती है। सौर ऊर्जा आधारित विद्युत संयंत्र, वर्षा जल संचयन की विशेष व्यवस्था, स्वचालित बैगेज हैंडलिंग सिस्टम, टचलेस सिक्योरिटी चेक-इन, दिव्यांगों के लिए रैंप और लिफ्ट की सुविधा और कला गैलरी में बिहार की संस्कृति को दर्शाती आंतरिक सजावट किया गया है।
नए टर्मिनल से उड़ान भरने वाले यात्रियों ने इसे ‘दिल्ली या मुंबई एयरपोर्ट जैसा अनुभव’ बताया है। रांची के एक यात्री ने कहा है कि “अब लग रहा है कि पटना भी मेट्रो शहरों की कतार में खड़ा है।” एक छात्रा ने कहा है कि “पहली बार पटना एयरपोर्ट पर किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की फील आई है।” बुजुर्गों और दिव्यांगों ने खास तौर पर बैठने और व्हीलचेयर सुविधा की सराहना किया है।
इस नए टर्मिनल की सबसे बड़ी खासियत इसका पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होना है। एयरपोर्ट को ग्रीन बिल्डिंग टैग दिया गया है। LED लाइटिंग, सौर ऊर्जा, और प्राकृतिक वेंटिलेशन सिस्टम ने ऊर्जा की खपत को 30% तक घटाया है। वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को भी डिजिटलाइज किया गया है।

नया टर्मिनल पटना को एक अंतरराष्ट्रीय हब के रूप में विकसित करने की दिशा में पहला कदम है।निकट भविष्य की योजनाएं में दुबई और सिंगापुर के लिए इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कार्गो टर्मिनल का भी निर्माण कार्य जारी है। मेट्रो कनेक्टिविटी योजना पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच वार्ता चल रही है। अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों को आमंत्रित करने की पहल तेज कर दिया गया है, शामिल है ।

पटना जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में इतने बड़े टर्मिनल का निर्माण करना आसान नहीं था। इसकी मुख्य चुनौतियां थी भूमि अधिग्रहण में देरी, महामारी के कारण निर्माण कार्य बाधित, यातायात दबाव को संभालते हुए निर्माण और पुराने टर्मिनल का स्थान सीमित होना। लेकिन इन सभी बाधाओं को पार करते हुए (एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) और राज्य प्रशासन ने एक मिसाल कायम किया है।

पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के शुरू होने से बिहार को पूरे देश में एक नई पहचान मिल रहा है। यह बताता है कि बिहार अब ‘बैकवर्ड स्टेट’ नहीं, बल्कि प्रगतिशील सोच और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर वाला राज्य है। यह टर्मिनल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, प्रौद्योगिकी, और प्रशासनिक क्षमता का प्रतीक बन गया है।

पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि बिहार के लोगों की आकांक्षाओं और सपनों की उड़ान है। यह टर्मिनल आने वाले वर्षों में न केवल यात्री सुविधाओं का केंद्र बनेगा, बल्कि यह राज्य के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास का प्रेरक केंद्र भी सिद्ध होगा।
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