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वित्तरहित शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा – अधिसूचना जारी होने के बाद नहीं मिल रहा लाभ

मोर्चा के नेता रघुनाथ सिंह ने कहा कि आगामी सत्र के दौरान जोरदार आंदोलन होगा


रांची : वित्तरहित शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्राचार्य, प्रधानाचार्य एवं शिक्षक प्रतिनिधियों की बैठक सर्वोदय बाल निकेतन उच्च विद्यालय धुर्वा में डा. सुरेंद्र झा की अध्यक्षता में हुई। जिसमें विभिन्न मांगों को ले आंदोलन के लिए कई निर्णय लिए गए। बैठक में प्राचार्य एवं प्रधानाचार्यों ने एकस्वर से कहा कि एक तरफ डिग्री कालेज के शिक्षक कर्मियों के अनुदान की राशि दोगुना करने का मंत्री परिषद की सहमति के बाद उच्च शिक्षा विभाग अधिसूचना जारी कर दी है। तो दूसरी ओर स्कूल एवं इंटर कालेज के अनुदान वृद्धि के लिए गठित समिति की अनुशंसा एक वर्ष से विभाग में पड़ी हुई है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। जबकि डिग्री कालेज एवं इंटर कालेज तथा स्कूलों को अनुदान अधिनियम 2004 के अनुसार अनुदान मिलता है।


बैठक में वक्ताओं ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 11 अक्टूबर 2021 को वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त कर नियमावली बनाकर सरकारी कर्मियों के समान वेतन देने के लिए कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग को पत्र लिखा था लेकिन कार्मिक विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके लिए 32 विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। बैठक में पूरे राज्य से आए करीब 500 प्राचार्य व प्रधानाचार्यों ने हिस्सा लिया। मोर्चा के नेता रघुनाथ सिंह ने कहा कि आगामी सत्र के दौरान जोरदार आंदोलन होगा।

ये हैं आंदोलनात्मक कार्यक्रम :
– 31 जनवरी को वित्तरहित शिक्षक संघर्ष मोर्चा राजभवन के सामने विशाल महाधरना देगा
– मोर्चा के प्राचार्य, प्रधानाचार्य एवं शिक्षक प्रतिनिधियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया
– 9 फरवरी को राज्य के शिक्षक अपने-अपने संस्थानों के आगे 12 घंटे के उपवास पर रहेंगे एवं धरना देंगे
– 15 फरवरी को सभी शैक्षणिक संस्थानों में हड़ताल का निर्णय लिया गया
– 16 फरवरी को शिक्षक कर्मी अपने-अपने क्षेत्र के विधायकों का आवास का घेराव करेंगे
– फरवरी के तीसरे सप्ताह में विधानसभा का घेराव किया जाएगा, इसके बाद मुख्यमंत्री आवास का भी घेराव किया जाएगा
– 8 फरवरी को मुख्यमंत्री एवं शिक्षा सचिव को मांगों से संबंधित ज्ञापन देंगे। इसी बीच मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर अनुदान राशि में 75 प्रतिशत वृद्धि के संलेख को विधि एवं वित्त विभाग की सहमति के बाद मंत्री परिषद की सहमति के लिए अनुरोध करेगा।

ये हैं मोर्चा की मुख्य मांगें :
– अनुदान बढ़ोतरी के लिए गठित समिति के 7 दिसंबर 2022 की अनुशंसा को जिसमें 75 प्रतिशत राशि में वृद्धि की अनुशंसा को वित्त एवं विधि विभाग से अनुमोदन कराकर मंत्री परिषद की सहमति ली जाए
– बिहार की तर्ज पर अनुदानित शिक्षक कर्मियों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए
– नियमावली बनाकर वित्तरहित शिक्षा नीति को समाप्त कर राज्यकर्मी के समान वेतन देने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पत्र के आलोक में कार्मिक विभाग अविलंब कार्रवाई करें
– वित्तीय वर्ष 2023-24 का अनुदान प्रपत्र भरने के लिए पोर्टल में आई गड़बड़ी को देखते हुए अनुदान भरने की तिथि दो सप्ताह बढ़ाई जाए।

बैठक को इन्होंने किया संबोधित :
बैठक को चंदेश्वर पाठक, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादिर अहमद, गणेश महतो, अनिल तिवारी, संजय कुमार, नरोत्तम सिंह, रंजीत मिश्रा, रघु विश्वकर्मा, विरसो कुमारी उरांव, मनोज कुमार, लोचन महतो, देवनाथ सिंह, चंद्रशेखर, बसंत पाठक, इंद्रदेव महतो, अर्जुन पांडेय, रेनू मिश्रा ने संबोधित किया।

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