राज्य

किसानों को मिट्टी जाँच कराने के लिए किया जाये प्रेरित…

मिट्टी जाँच कराने से किसानों की बढ़ेगी आय....

पटना डेस्क-मिट्टी जाँच प्रयोगशालाओं में पदाधिकारियों/कर्मियों की शीघ्र होगी नियुक्ति-मंगल पाण्डे
माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार श्री मंगल पाण्डे द्वारा आज कृषि भवन, पटना के सभागार में मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों तथा 72 ग्रामस्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला के कर्मियों के साथ मिट्टी स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना की समीक्षा की गई।

इस बैठक में सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री संजय कुमार अग्रवाल द्वारा इस योजना के संबंध में माननीय मंत्री को विस्तृत जानकारी दी गई तथा उन्होंने बताया कि इस वर्ष इस योजना के लिए 15 करोड़ रूपये की स्वीकृति फरवरी माह में ही की जा चुकी है, इसलिए कोई वित्तीय समस्या नहीं होगी।

माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य के मिट्टी जाँच प्रयोगशालाओं में 207 पद सहायक अनुसंधान पदाधिकारी, 75 पद प्रयोगशाला सहायक, 26 पद सहायक निदेशक (रसायन), मिट्टी जाँच, 22 लिपिक के पद सहित कार्यालय कई अन्य पद रिक्त हैं, जिस पर शीघ्र नियुक्ति की जायेगी। साथ ही, राज्य के 9 प्रमंडलों के चलंत मिट्टी जाँच प्रयोगशाला को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तकनीकी कर्मियों की बहाली की जायेगी, जिससे मिट्टी नमूनों की जाँच समय पर की जा सके। उन्होंने पूरे कृषि विभाग के लिपिकों के लिए एक कैडर बनाकर 15 दिनांे के अन्दर एक नियमावली बनाने का निदेश अधिकारियों को दिया, जिससे मिट्टी जाँच प्रयोगशाला सहित कृषि विभाग के अन्य कार्यालयों में लिपिकों के रिक्त पदों पर बड़ी मात्रा में नियुक्ति की जा सके।


उन्होंने कहा कि हाल ही में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कृषि विभाग, बिहार को मिट्टी जाँच करने वाला देश में सबसे अच्छा राज्य घोषित कर सम्मानित किया गया है, यह पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि इस विŸाीय वर्ष में राज्य के सभी ग्रामों से कुल 5 लाख मिट्टी जाँच नमूनों के संग्रहण/विश्लेषण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक 4,17,275 मिट्टी जाँच नमूनों का संग्रहण किया जा चुका है। मिट्टी जाँच कार्यक्रम का उद्देश्य मिट्टी की जाँच कर जाँच परिणाम के आधार पर संतुलित मात्रा में उर्वरक के उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए कृषि योग्य मिट्टी को स्वस्थ रखना, फसल उपज में वृद्धि लाना एवं खेती की लागत को कम करना है।

माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार में 72 ग्रामस्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला, 38 जिलास्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला, गया, मुंगेर एवं भागलपुर के अनुमंडल में 03 अनुमंडलस्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में प्रमंडल स्तर पर 09 चलंत मिट्टी जाँच प्रयोगशाला कार्य कर रहा है। इसके साथ ही, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर एवं डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर में भी मिट्टी जाँच प्रयोगशाला स्थापित है।

उन्होंने अधिकारियों को निदेश दिया कि प्रमंडल स्तर पर संचालित 09 चलंत मिट्टी जाँच प्रयोगशालाओं के लिए पूर्व से रूट चार्ट निर्धारित किया जाये, ताकि किसानों को यह पता चल सके कि उनके गाँव में कब चलंत मिट्टी जाँच प्रयोगशाला आयेगा। इससे किसानों को अपने खेतों के मिट्टी की जाँच कराने में सहुलियत होगी। उन्होंने ग्राम स्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला के कर्मियों से समय पर मिट्टी जाँच कर पोर्टल पर इसे अपलोड करने का अपील किया।
माननीय मंत्री ने मिट्टी जाँच कार्यक्रम का किसानों के बीच विस्तृत प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि खरीफ किसान चौपाल, दिवाल लेखन एवं आकर्षक होर्डिंग के माध्यम से किसानों को मिट्टी जाँच कराने के लिए जागरूक किया जाये तथा मिट्टी जाँच कराने से किसानों को होने वाले लाभ के बारे में भी बताया जाये। उन्होंने अधिकारियों के साथ-साथ 72 ग्रामस्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला के कर्मिंयो को भी निदेश दिया कि किसानों को मिट्टी जाँच कराने के लिए प्रेरित किया जाये।

इस बैठक में कृषि निदेशक श्री मुकेश कुमार लाल, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य बीज निगम श्री आशुतोष कुमार वर्मा, निदेशक उद्यान श्री अभिषेक कुमार, अपर सचिव श्री शैलेन्द्र कुमार, संयुक्त सचिव द्वय श्री मदन कुमार एवं श्री मनोज कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी सुनील कुमार, अपर निदेश (शष्य) श्री धनंजयपति त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक (रसायन), मिट्टी जाँच प्रयोगशाला श्री विनय कुमार पाण्डेय तथा सभी जिलों के सहायक निदेशक (रसायन), मिट्टी जाँच उपस्थित थे।

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